एक बहुत बड़ी संख्या और कुछ प्रसिद्ध संख्या

हम सबके मन में यह प्रश्न स्वाभाविक रूप से ही उठता है कि सबसे बड़ी संख्या कौन सी है. ज्ञान के क्षेत्र में यह प्रश्न ज्ञात से अज्ञात की ओर तथा मूर्त से अमूर्त की ओर बढ़ने की दिशा में पहला चरण है. सामान्य बुद्धि यह कहती है कि कोई भी एक संख्या सबसे बड़ी संख्या नहीं हो सकती क्योंकि संख्याएं उत्तरोत्तर बढ़ती जाती हैं और अनंत की ओर इंगित करतीं हैं. आप चाहें तो बड़ी से बड़ी संख्या के बारे में सोच सकते हैं, इसके लिए आपको 0 से 9 तक के अंकों को किसी भी युक्तिसंगत या मनचाहे क्रम सें जमाना ही तो है! लेकिन अपने आप में यह व्यर्थ गतिविधि है क्योंकि ऐसी संख्याओं का कोई महत्व नहीं है. फिर भी, गणित और विज्ञान में कुछ अतिविशाल संख्याओं की परिकल्पना की गई हैं. ऐसी अतिविशाल संख्याएं किन्हीं गणितीय कलन और प्रमेयों के हल के रूप में प्राप्त होतीं है तथा किसी समस्या के गणितीय समाधान के रूप में उनके महत्व को स्वीकार किया गया है.

विशाल संख्याओं पर पहले लिखी जा चुकी पोस्टों में ग्राहम नंबर और पोइनकेयर रिकरेंस टाइम के बारे में बताया गया है. इस पोस्ट में एक अन्य अतिविशाल संख्या के परिचय के साथ ही कुछ अन्य रोचक संख्याओं के बारे में बताया जा रहा है:-

1. 24,31,12,609 – 1

इस संख्या में लगभग एक करोड़ तीस लाख अंक हैं. इस संख्या में खास बात क्या है? यह अब तक ज्ञात सबसे विशाल प्राइम नंबर या अभाज्य संख्या है. अभाज्य संख्या वह होती है जिसमें केवल 1 या उसी संख्या से भाग दिया जा सकता है. इस संख्या का पता वर्ष 2008 में सबसे बड़े प्राइम नंबर की खोज के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर Great Internet Messene Prime Search (GIMPS) से चला. ध्यान दें, यह केवल सबसे बड़ा ज्ञात प्राइम नंबर है, इससे बड़े प्राइम नंबर भी हो सकते हैं लेकिन उन्हें अभी तक खोजा नहीं जा सका है.

2. -273.15°C

इस सेंटीग्रेड तापमान को परम शून्य या ज़ीरो डिग्री केल्विन तापमान भी कहते हैं. सैद्धांतिक आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस तापमान पर ऊर्जा का न तो उत्सर्जन होता है और न ही उसका शोषण होता है. तापमान के इस बिंदु पर किसी भी कण की ऊर्जा लगभग शून्य हो जाती है जिसका निर्धारण क्वांटम गतिकी के नियमों के आधार पर किया जा सकता है. माना जाता है कि ब्रहमांड में किसी भी स्थान पर परम शून्य तापमान संभव नहीं है क्योंकि ऐसे स्थानों भी कुछ ऊर्जा विद्यमान होती है जहां हजारों-लाखों प्रकाशवर्ष दूर-दूर तक कुछ भी नहीं है. तापमान के इस स्तर को प्राप्त नहीं किया जा सकता लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके निकटवर्ती तापमान के स्तर को प्राप्त करने में सफलता पाई है और उन्होंने यह देखा है कि परम शून्य के निकट के तापमान पर पदार्थ विचित्र क्वांटम लक्षण दिखाते हैं जैसे सुपरकंडक्टिविटी और सुपरफ्लुइडिटी (superconductivity and superfluidity).

3. -40

तापमान मापन के क्षेत्र में यह अनूठी संख्या है क्योंकि इस तापमान पर सेंटीग्रेड और फैरनहाइट स्केल मिल जाते हैं अर्थात -40°F तापमान उतना ही होता है जितना -40°C.

4. 3888

यह संख्या रोमन अंक प्रणाली में लिखी जा सकनेवाली सबसे बड़ी संख्या है. इसे रोमन में इस प्रकार लिखते हैं: MMMDCCCLXXXVIII.

5. पाई (π)

यूक्लिड की ज्यामिति में पाई या π किसी वृत्त की परिधि और उसके व्यास का अनुपात है इसका मान लगभग 3.14159 है. यह सबसे महत्वपूर्ण गणितीय नियतांक है जिसका उपयोग गणित, भौतिकी, और अभियांत्रिकी में किया जाता है. इसे आर्कमिडीज़ का नियतांक भी कहते हैं.

6. 1.6180339887

इसे स्वर्णिम अनुपात कहते हैं. गणित और कला में दो मात्राओं को स्वर्णिम अनुपात में मानते हैं यदि उन मात्राओं के योग और बड़ी मात्रा के मध्य वही अनुपात हो जो बड़ी मात्रा और छोटी मात्रा के मध्य हो. स्वर्णिम अनुपात लगभग 1.6180339887 होता है. पुनर्जागरण युग से ही कलाकार एवं वास्तुविद इस अनुपात को अपनी कलाकृतियों व स्थापत्य में प्रयुक्त करते आए हैं और वे यह मानते हैं कि इसके आधार पर बनाई गई कलाकृतियां सौंदर्यपूर्ण होतीं हैं. यह बात मुझे समझ में नहीं आती. Photo by Volkan Olmez on Unsplash

There are 3 comments

  1. Harshvardhan Srivastav

    आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन जन्म दिवस – मीना कुमारी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर …. आभार।।

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  2. osho shailendra

    मैथिलीशरण गुप्त की रचना-

    तप्त हृदय को, सरस स्नेह से
    जो सहला दे, मित्र वही है।
    रूखे मन को, सराबोर कर
    जो नहला दे, मित्र वही है।
    प्रिय वियोग, संतप्त चित्त को
    जो बहला दे, मित्र वही है।
    अश्रु बूँद की, एक झलक से
    जो दहला दे, मित्र वही है।

    मित्रता दिवस की
    हार्दिक शुभकामना

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