जीवन का सबसे कठोर सत्य क्या है?

कुछ समय पहले मैंने रोजर फ़ेडरर का एक मजेदार इंटरव्यू देखा जिसमें 10-12 साल का एक छोटा लड़का पत्रकार बनकर फ़ेडरर से कुछ प्रश्न पूछता है. यह यू.एस. ओपन से पहले होने वाली प्रेस कांफ्रेंस की बात है. यह रहा वह इंटरव्यूः

बच्चा: स्विट्ज़रलैंड में तो बहुत ठंड होती है न?

फ़ेडरर: (मुस्कुराते हुए). हमेशा तो नहीं लेकिन ज्यादातर ठंड होती है.

बच्चा: वहां बहुत सारे जानवर तो होते नहीं. फिर लोग आपको गोट (goat) क्यों कहते हैं?

पूरे कमरे में हंसी की लहर दौड़ जाती है, क्योंकि अंग्रेजी शब्द गोट का अर्थ होता है “बकरा’. लेकिन फ़ेडरर को लोग जब ‘GOAT’ कहते हैं तो उनका मतलब होता है ‘Greatest of all Time’(सबसे महान).

फ़ेडरर: (हंसते हुए) मेरे कुछ फैन्स मुझे गोट कहते हैं. मैं खुद को गोट नहीं कहता. स्विट्ज़रलैंड में बहुत सारे जानवर और मवेशी होते हैं और गोट्स भी उनमें से एक हैं.

बच्चा: अब मैं एक सीरियस बात पूछूंगा. आप मेरे जन्म के पहले से लगातार खेल रहे हैं. क्या आप इसी तरह अगले 8-9 सालों तक कंसिस्टेंटली खेलना जारी रखेंगे ताकि आप जैसा खिलाड़ी बनने पर मैं आपके साथ खेल सकूं?

फ़ेडरर: (मुस्कुराते हुए) हां, यदि तुम ग्रेंड-स्लैम के टूर पर जाओगे तो मैं तुम्हारे साथ खेलने की पूरी कोशिश करूंगा.

बच्चा: प्रॉमिस?

फ़ेडररः (हंसते हुए) पक्का प्रॉमिस. पिंकी प्रॉमिस.

इस इंटरव्यू को देखते वक्त मैं बहुत हंसा, लेकिन कुछ पलों के भीतर ही मैं सच का सामना करने के लिए तैयार था.

मैं फ़ेडरर को लगभग 10 साल से खेलते देख रहा हूं. एक पूरी पीढ़ी उसे टीवी पर खेलते देखकर बड़ी हुई है. उसके पीली बॉल को हिट करते वक्त होनेवाली ‘पॉप’ की आवाज़ को लगातार सुनते रहना बहुत लोगों के लिए सुकून भरी बात है.

लेकिन यह व्यक्ति और इसका गेम मुझे कितना भी प्रिय क्यों न हो, मैं यह जानता हूं कि यह हमेशा के लिए नहीं खेल सकता. वह 36 साल का है और अपने टैनिस कैरियर के संध्याकाल पर है. अंग्रेजी में एक उक्ति है, all good things must come to an end… इसे हिंदी में कहें तो हर भली चीज का भी अंत होता है. जीवन में कुछ भी चिरस्थाई नहीं होता. हमारे सबसे मीठे अनुभव और खुशी के पल भी एक बिंदु पर आकर ठहर जाते हैं.

और यह बात सिर्फ फ़ेडरर के साथ ही नहीं है! लीजेंड्स आते-जाते रहते हैं. माइकल जॉर्डन, स्टेफ़ी ग्राफ़, माइकल फेल्प्स, मोहम्मद अली, माइकल जैकसन, व्हिटनी ह्यूस्टन, प्रिंस, जॉर्ज माइकल, कार्ल लुइस, और ऐसे न जाने कितने हैं. अपने कैरियर के शिखर पर वे सितारों की तरह जगमगाते थे. अब उनके शिखर पर नहीं होने या हमारी बीच नहीं होने पर हमें इसका अहसास होता है कि हमारे जीवन का एक अंश उनके साथ चला गया. हमेशा के लिए खो गया.

मैं बस इसकी उम्मीद करता हूं कि जिस दिन मेरा हीरो अपने टेनिस रैकेट को हमेशा के लिए टांग देगा उस दिन के लिए मैं तैयार रहूंगा.

Photo by Ben Hershey on Unsplash

There are 2 comments

टिप्पणी देने के लिए समुचित विकल्प चुनें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.