26 अप्रेल 2003 के दिन आरोन रैल्स्टन (Aron Ralston) नामक एक व्यक्ति अमेरिका के ऊटाह (Utah) राज्य के एक दूरदराज़ के पहाड़ी क्षेत्र में अकेले ही ट्रेकिंग-हाइकिंग करने के लिए निकला और एक पहाड़ की कंदरा में एक बड़ी चट्टान लुढ़क कर उसपर गिर गई.
आरोन का दांया हाथ चट्टान और पहाड़ की दीवार के बीच में फंस गया.
ऊपर आप जो फोटो देख रहे हैं वह उस वक्त की असली फोटो है. उसमें आप आरोन का फंसा हुआ हाथ देख सकते हैं. यह फोटो आरोन ने खुद ही अपने डिजिटल कैमरे से खींची थी.
ट्रेकिंग पर निकलने से पहले आरोन ने किसी को भी नहीं बताया था कि वह कहां जा रहा है. उसके पास मोबाइल फोन भी नहीं था.
वह उस बियाबान में बिल्कुल अकेला था. उसकी चीख-पुकार को सुनने वाला दूर-दूर तक कोई भी नहीं था.
तीन दिनों तक आरोन ने चट्टान में फंसे हाथ को निकालने की हर संभव कोशिश की. उसने चट्टान को हिलाकर अपने हाथ को निकालना चाहा. उसने एक कामचलाऊ चरखी भी बनाई ताकि वह चट्टान कुछ उठाई जा सके. उसके पास एक छोटा धारहीन चाकू था जिससे उसने चट्टान को खुरचने की कोशिश भी की.
लेकिन इस सबका कोई नतीज़ा नहीं निकला.
आरोन के पास न तो भोजन था न ही पानी. जीवित बचने की उम्मीद भी कम होती जा रही थी.
तब आरोन ने कुछ ऐसा किया जिसे सोचकर ही हमारे रोंगटे खड़े हो जाएं. उसने चट्टान में फंसे हाथ को अपने धारहीन चाकू से काटकर अलग करने का निश्चय कर लिया.
ऐसे क्षणों में किसी भी व्यक्ति की हिम्मत जवाब दे सकती है. आरोन की हिम्मत भी टूटने वाली ही थी.
उसने डिजिटल कैमरे में अपने परिवार को अलविदा का संदेश रिकॉर्ड किया, चट्टान पर चाकू से अपना नाम और जन्मतिथि के साथ ही अपनी मृत्यु की संभावित तारीख भी उकेर दी.
लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंज़ूर था.
उस कंदरा में पांच दिनों तक फंसे रहने के बाद उसने एक घंटे के भीतर अपने छोटे चाकू से अपने ही हाथ को प्रहार करते-करते काट दिया. कटे हुए हिस्से से हो रहे खून के बहाव को उसने कपड़ा बांधकर किसी तरह नियंत्रित किया.
कट चुके एक हाथ के साथ पांच दिनों की भूख-प्यास, ऊपर से बहुत सारे खून का बह जाना. आरोन ऐसी हालत में रस्सी के सहारे पहाड़ से नीचे उतरा और किसी तक पहुंचकर मदद मांग सका.
इस घटना में अपना दांया हाथ गंवाने के बाद भी आरोन ने ट्रेकिंग बंद नहीं की है. उस कंदरा में उसके अनुभवों पर 2010 में एक फ़िल्म बनी जिसका नाम है ‘127 Hours’. यह उस साल की सबसे अच्छी फ़िल्मों में से थी. इसके निर्देशक थे डैनी बॉयल – वही, ‘स्लमडॉग मिलियनेर’ वाले. इसका ट्रेलर आप पोस्ट के अंत में देख सकते हैं.
क्या आप ऐसी किसी और घटना के बारे में जानते हैं जिसमें किसी व्यक्ति ने ऐसी अदम्य जिजीविषा का प्रदर्शन किया हो? ऐसा कुछ कर सकने के लिए शारीरिक शक्ति नहीं बल्कि अद्भुत संकल्प-शक्ति और मानसिक दृढ़ता चाहिए.
इस घटना से हमें एक सीख और भी मिलती है, और वह यह है कि हमें कभी भी किसी को बताए बिना कहीं नहीं जाना चाहिए.
जबर्दस्त।
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Nice…
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Kya baat hai. Bahut din baad aap ki post aayi mujhe
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