एक बहुत धनी व्यक्ति अपने छोटे से लड़के को एक बार गाँव दिखाने ले गया ताकि उसका बेटा जान सके कि गरीब लोग कैसे रहते हैं. उन्होंने शहर से कुछ दूर अपने फार्म हाउस में दो दिन बिताये. फार्म हाउस के सामने ही एक गरीब परिवार रहता था. यात्रा से वापस लौटते समय पिता ने अपने पुत्र से पूछा – “बेटा, यात्रा कैसी रही?”
“बहुत अच्छी, पापा” – बेटे ने कहा.
“तो तुमने देखा कि गरीब लोग कैसे रहते हैं?”
“हाँ”.
“तो तुमने यात्रा से क्या सीखा?”
बेटे ने जवाब दिया – “मैंने देखा कि हमारे पास तो एक ही कुत्ता है जबकि उनके पास चार हैं. हमारा स्वीमिंग पूल तो बहुत छोटा है लेकिन वे बहुत बड़ी नहर में नहाते हैं. हमारे बगीचे में मंहगे लालटेन लगे हैं जबकि वे तारों भरे आकाश को देख सकते हैं. हमारे घर से तो दूर तक नहीं दिखता जबकि वे दूर-दूर की पहाडियां और घाटियाँ देख सकते हैं. हमारे नौकर हमारी देखभाल करते हैं लेकिन वे सभी का ख़याल रखते हैं. हम अपना खाना खरीदते हैं लेकिन वे अपना खाना खुद उगाते हैं. हमारे घर की रक्षा के लिए चारदीवारी है लेकिन उनके दोस्त उनकी रक्षा करते हैं”.
लड़के का पिता निरुत्तर हो गया.
(An anecdote – Rich and Poor – in Hindi)
बहुत सही!!
पसंद करेंपसंद करें
sahi,kitni sunder door drushti paayi hai es nane balak ne.sunder kahani.
पसंद करेंपसंद करें
thank you so much ….nice post dear …i think i find one nice blog on wordpress ….keep it up …from ashvin
पसंद करेंपसंद करें
Mujhe lagata hai baalak ka nazaria nishchchal hai
पसंद करेंपसंद करें
itani achhi khani he ki batta nahi sakake .
पसंद करेंपसंद करें