एक आदमी के पास एक कुत्ता था जो घर के बाहर बैठकर गाड़ियों के गुज़रने का इंतजार करता रहता था. जब कभी कोई गाड़ी घर के सामने से गुज़रती थी तो कुत्ता उसके पीछे भौंकता हुआ लपकता था और गाड़ी को पकड़ने की कोशिश करता था.
एक दिन आदमी के पड़ोसी ने उससे पूछा – “तुम्हें क्या लगता है, ये कुत्ता कभी कोई गाड़ी पकड़ पायेगा?”
आदमी ने कहा – “मैं इसकी परवाह नहीं करता. मैं तो यह सोचता हूँ कि यदि कभी इसने कोई गाड़ी पकड़ भी ली तो ये क्या करेगा”.
उस कुत्ते की ही तरह बहुत से लोग निरुद्देश्य लक्ष्यों का पीछा करते हैं.
“गज भर जीवन, असहज जीवन
जीवन तिल-तिल, है जाता मिल”
– गीन गोर्डन
“Life is hard by the yard,
but by the inch, it’s a cinch”
– Gean Gordon
(A motivational / inspiring story about the pursuit of trivial goals – in Hindi)
Bhut prernadayak post hai.Kuchh naya sikhne ko mila.Aage aise post ki asha karunga.Dhanyawad
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बहुत गज़ब की बात कह गये!
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शीर्षक ने ही प्रविष्टि का महत्व बता दिया था । प्रविष्टियाँ सज जा रही हैं अंत में उद्धृत शिक्षाओं व संदेशों से । आज तो अंत तो सूक्तियों के कारण और भी आकर्षक हो गया है । धन्यवाद ।
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