किसी महिला पत्रकार को यह पता चला कि एक बहुत वृद्ध यहूदी सज्जन लंबे समय से येरुशलम की पश्चिमी दीवार पर रोज़ाना बिलानागा प्रार्थना करते आ रहे हैं तो उसने उनसे मिलने का तय किया.
वह येरुशलम की पश्चिमी प्रार्थना दीवार पर गयी और उसने वृद्ध सज्जन को प्रार्थना करते देखा. लगभग 45 मिनट तक प्रार्थना करने के बाद वे अपनी छड़ी के सहारे धीरे-धीरे चलकर वापस जाने लगे.
महिला पत्रकार उनके पास गयी और अभिवादन करके बोली, “नमस्ते, मैं CNN की पत्रकार रेबेका स्मिथ हूँ. आपका नाम क्या है?”
“मौरिस फ़िशिबिएन”, वृद्ध ने कहा.
“मैंने सुना है कि आप बहुत लंबे समय से यहाँ रोज़ प्रार्थना करते रहे हैं. आप ऐसा कब से कर रहे हैं?”
“लगभग 60 साल से”.
“60 साल! यह तो वाकई बहुत लम्बा अरसा है! तो, आप यहाँ किसलिए प्रार्थना करते हैं?”
“मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि ईसाइयों, यहूदियों, और मुसलमानों के बीच शांति स्थापित हो. मैं युद्ध और नफरत के खात्मे के लिए प्रार्थना करता हूँ. मैं यह भी प्रार्थना करता हूँ कि बच्चे बड़े होकर जिम्मेदार इंसान बनें और सब लोग प्रेम से एकजुट रहें”.
“यह तो बहुत अच्छी बात है… और आपको यह प्रार्थना करने से कैसी अनुभूति होती है?”
“मुझे यह लगता है कि मैं 60 सालों से सिर्फ एक दीवार से ही बातें कर रहा हूँ”. (image credit)
wohhhhhhhhhhhhhhh……………………..
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दीवार बना कर उनसे बातें करना ही तो हमने सीखा है।
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शायद दिवार में ही उनका विश्वास होगा
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unko lgta hai wo deewar se prayer kr rhe h tbhi 60 years se unkii prayer sweekar nahi hue h
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हमलोग भी तो वही कर रहे हैं.
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sayad duniya me badlav kwal prathna se, to nai aane wala:(
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