किसी गाँव में एक वैद्य रहता था जो यह दावा करता था कि उसे अमरता का रहस्य पता है। बहुत से लोग उसके पास यह रहस्य मालूम करने के लिए आते थे। वैद्य उन सभी से कुछ धन ले लेता और बदले में उनको कुछ भी अगड़म-बगड़म बता देता था। उनमें से कोई यदि बाद में मर जाता था तो वैद्य लोगों को यह कह देता था कि उस व्यक्ति को अमरता का रहस्य ठीक से समझ में नहीं आया।
उस देश के राजा ने वैद्य के बारे में सुना और उसको लिवा लाने के लिए एक दूत भेजा। किसी कारणवश दूत को यात्रा में कुछ विलंब हो गया और जब वह वैद्य के घर पहुँचा तब उसे समाचार मिला कि वैद्य कुछ समय पहले चल बसा था।
दूत डरते-डरते राजा के महल वापस आया और उसने राजा से कहा कि उसे यात्रा में विलंब हो गया था और इस बीच वैद्य की मृत्यु हो गई। राजा यह सुनकर बहुत क्रोधित हो गया और उसने दूत को प्राणदंड देने का आदेश दे दिया।
च्वांग-त्जु ने दूत पर आए संकट के बारे में सुना। वह राजा के महल गया और उससे बोला – “आपके दूत ने पहुँचने में विलंब करके गलती की पर आपने भी उसे वहां भेजने की गलती की। वैद्य की मृत्यु यह सिद्ध करती है की उसे अमरता के किसी भी रहस्य का पता नहीं था अन्यथा उसकी मृत्यु ही नहीं हुई होती। रहस्य सिर्फ़ यही है कि ऐसा कोई भी रहस्य नहीं है। केवल अज्ञानी ही ऐसी बातों पर भरोसा कर बैठते हैं।”
राजा ने दूत को क्षमादान दे दिया और मरने-जीने की चिंता से मुक्त होकर जीवन व्यतीत करने लगा।
Photo by Lorraine Steriopol on Unsplash
सत्य कहा “केवल अज्ञानी ही ऐसी बातों पर भरोसा कर बैठते हैं।”
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jo atma ke bare me jante hai wo mout ke parvha nahi karte hai
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galat logo per bisbash nahi karna chaiye
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atma amar hai jabki shareer marta hai
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मरने का डर मौत को न जानने से होता है
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Bade knowledge leke gum rahe ho yr tadka tuge daal ko he Lagana h
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लोग बहुत भोले हैं अरे आपके पास थोडा भी धन हो तो आप उसका रहस्य किसी को नहीं बताते तो जिसके पास अमरता का रहस्य होगा वोह ऎसे ही सबको बताता नहीं फिरेगा अपने तक ही सिक्रेट रखेगा.
ये तो हुई एक बात दू्सरी बात ये है कि अमरता है, इस शरीर के साथ ही अमर होना कोई बहुत मुश्किल काम नही है, कठिन जरूर है, पर जो सिद्ध हो जाते हैं उनको ये शरीर बंधन रूप लगता है और वोह इसे छोड देते हैं. मैं भी अमरता पर थोडा रिसर्च कर रहा हूं, सफलता अभी तो बहुत दूर है. पर इतना तय है कि अमरता के कई मार्ग हैं. धन्यवाद
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Aum brihmand ka agyan hi rahasya hai gyan usaka samadhan hai AMARTA ka arth mrityu k upar vijay
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hum jo sochte hai wahi hota hai hamare sath jo hota hai uskeliye hum khud jimmedar hai uskeliye kisi dusre ko dosh nahi dena chahiye vishwas na ho to secret book padhiye thanks
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यहबहुत अच्छीलगी
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आपने जो लिखा खुब लिखा
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Jeevan Aur Mritu Manav Jeevan Ka Abhinna Hissa Hai Keval Samal Par Apna Karya Kar Doosro ki Sewa Hi Amrta ka Pratik Hai.
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so true – so very true …..
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सत्य कहा अपने
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jo chij bani hai uska anat nischit hai
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aatma parmeshwar ka ansh hai aatma hi parmatma hai isliye hamesha aatma ki sunna chaiye naki man or dil ki, aatma amer hai.
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Sach to ye hair ki manusya ka janm uake purwnusthit karma ka parinam hair auraur bhavisy
Uske vartman ka .koi bhi manusya vastave me Marta kabhi nahi.kewal sarir Marta hair urja ya chaitnya ya arms jo mul rip se urja hi hair uska nas Kaiser ho sakta hai uska kewal parivartan hi sakta hai jo ki science ka universal law hai.
Ialiye darne ya sochane ki koi Banat nahi is dunia ke log kahi nahi Kate yahi is I dunia me rehte hai
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