थॉमस अल्वा एडिसन (1847-1931) महानतम अमेरिकी आविष्कारक हैं। किशोरावस्था में एक दुर्घटना का शिकार होने के कारण वे अपनी श्रवण शक्ति लगभग खो चुके थे – लेकिन उन्होंने फोनोग्राम का आविष्कार किया – जिसे हम रिकार्ड प्लेयर के नाम से बेहतर जानते हैं। ऑडियो कैसेट कुछ सालों तक चले, सीडी और डीवीडी भी ज्यादा समय नहीं चलेंगे, उनसे भी बेहतर चीज़ें आएँगी, लेकिन रिकार्ड प्लेयर सौ सालों से भी ज्यादा समय तक हमें संगीत सुनाता रहा। भोपाल में मेरे घर में हमारे पास छोटे–बड़े मिलाकर लगभग 300 रिकार्ड्स हैं, लेकिन प्लेयर ठीक नहीं चलता।
और बिजली का बल्ब? क्या आप सोच सकते हैं कि मामूली सा प्रतीत होने वाले बल्ब की खोज ने एडिसन को कितना तपाया!? उसके जलनेवाले फिलामेंट के लिए उपयुक्त पदार्थ की खोज में एडिसन ने हज़ार से भी ज्यादा वस्तुओं पर प्रयोग कर डाले – घास के तिनके से लेकर सूअर के बाल तक पर। किसी ने एडिसन से कहा – “हज़ार चीज़ों का प्रयोग करने के बाद भी आप अच्छा फिलामेंट नहीं बना पाये।” एडिसन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया – “ऐसा नहीं है, मुझे ऐसी हज़ार चीज़ों के बारे में पता है जो फिलामेंट बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं”।
मेरे दादा का जन्म सन 1899 में हुआ था। वे मुझे बताते थे कि जब बिजली के बल्ब नए–नए आए थे तब बड़े–बड़े पहलवान यह दावा किया करते थे कि वे उन्हें फूंक मारकर बुझा सकते हैं।
और याद आया, सिनेमा कैमरे का आविष्कार भी एडिसन ने ही किया था। जब लोगों ने पहली बार सिनेमाघर में रेलगाड़ी को परदे पर आते देखा तो वे जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए।
एडिसन ने अपने अविष्कारों के लिए एक हज़ार से भी ज्यादा पेटेंट प्राप्त किए। उनकी मृत्यु से कुछ समय पहले एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि कौन सी बात किसी व्यक्ति को जीनियस बनाती है। एडिसन ने कहा – “Genius is one percent inspiration – and ninety-nine percent perspiration.” (कोई भी व्यक्ति 1% प्रेरणा और 99% परिश्रम से जीनियस बनता है)। यह विश्व में सबसे प्रसिद्द उक्तियों में से एक है।
एडिसन ने अपनी प्रयोगशाला में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एक स्नातक को काम पर रखा। उसका नाम उप्टन था। उप्टन ने जर्मनी में महान वैज्ञानिक हेल्म्होल्त्ज़ के साथ भी काम किया था। एक दिन एडिसन ने उप्टन से कहा कि वह पता लगाये कि कांच के एक बल्ब के भीतर कितनी जगह है। उप्टन अपने औजार ले आया और उनकी मदद से नाप लेकर वह एक ग्राफ पेपर पर चार्ट बनाकर बड़ी कुशलतापूर्वक बल्ब के भीतर की जगह की गणना करने लगा। कुछ देर यह सब देखने पर एडिसन ने उप्टन से कुछ पूछना चाहा लेकिन उप्टन ज़ोर से बोला – “मुझे थोड़ा समय और लगेगा” – और उसने एडिसन को अपना चार्ट दिखाया। एडिसन उसके पास आए और बोले – “मैं तुम्हें दिखाता हूँ कि मैं यह कैसे करता हूँ” – यह कहकर उन्होंने बल्ब में पानी भरकर उप्टन से कहा – “इस पानी को नाप लेने पर तुम्हें उत्तर मिल जाएगा”।
आभार इस जानकारीपूर्ण आलेख के लिए.
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अंग्रेजी की ही एक कहावत है कॉमन सेंस इज रेयर सेंस
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जानकारी के लिए आभार।
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इस जीनियस को तो सारी दुनिया नमन करती है।———–TSALIIM SBAI
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Adison ne dunia ko bahut kuch diya hai.
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thomas edison great quotes
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Thanks a Lot For Giving Us Everything And also We Proud
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Microphone ka aviskark kaun h..
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