हम सोये ही हुए हैं!
स्मरण रहे कि मैं मूर्छा को ही पाप कहता हूं. अमूर्च्छित चित्त-दशा में पाप वैसे ही असंभव है, जैसे कि…
स्मरण रहे कि मैं मूर्छा को ही पाप कहता हूं. अमूर्च्छित चित्त-दशा में पाप वैसे ही असंभव है, जैसे कि…
हाँ भाई… मैं जानता हूँ कि कम्प्यूटर केवल जड़ मशीन है जिसमें खुद से सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती और…
एक प्रसिद्ध ज़ेन कथा में वर्णित है कि:- एक नए बौद्ध साधक ने अपने गुरु से पूछा – “मैं हाल…