Posts Tagged 'मनुष्य'

क्या भविष्य में मनुष्यों को अमरत्व प्राप्त होगा?

क्या भविष्य में मनुष्यों को अमरत्व प्राप्त होगा?

यदि मानव जाति अगले कुछ हजार वर्षों तक अस्तित्व में बनी रहे और तकनीकी विकास इसी गति से होता रहे…

मनुष्यों, कपियों और वानरों के सर पर सींग क्यों नहीं होते हैं?

मनुष्यों, कपियों और वानरों के सर पर सींग क्यों नहीं होते हैं?

किसी भी प्राणी में वे विशेषताएं विकसित होती हैं जो उनके लिए उपयोगी होती हैं और जिनके विकसित होने के…

नवजात शिशु अपनी मुठ्ठी हमेशा बंद क्यों रखते हैं?

नवजात शिशु अपनी मुठ्ठी हमेशा बंद क्यों रखते हैं?

आपका ध्यान कभी इस ओर गया है कि नवजात शिशुओं की मुठ्ठी हमेशा बंद क्यों रहती है? विकासवाद से संबंधित…

जब कोई प्रजाति विकसित होना बंद कर देती है तब क्या होता है?

जब कोई प्रजाति विकसित होना बंद कर देती है तब क्या होता है?

विकास (Evolution) कभी नहीं रुकता. यह तब तक के लिए प्रसुप्तावस्था में चला जाता है जब तक किसी चीज़ में…

अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य के बच्चों को जन्म देते समय अधिक दर्द क्यों होता है?

अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य के बच्चों को जन्म देते समय अधिक दर्द क्यों होता है?

आपने शायद कभी वास्तविकता में या फिल्मों में गर्भवती स्त्रियों को प्रसव करते (बच्चा पैदा करते) वक्त देखा होगा कि…

मनुष्यों और अन्य जीव-जंतुओं में क्या अंतर है?

मनुष्यों और अन्य जीव-जंतुओं में क्या अंतर है?

जीवविज्ञान और विकासवाद की दृष्टि से हम सभी पशु हैं. पुनरावर्ती भाषा (व्याकरण आधारित भाषा, recursive language) को छोड़कर मनुष्यों…

क्या मनुष्य और कपि-वानर के मेल से संतान उत्पन्न हो सकती है?

क्या मनुष्य और कपि-वानर के मेल से संतान उत्पन्न हो सकती है?

इस प्रश्न का सीधा उत्तर यह है कि मनुष्य और प्राइमेट्स कपि-वानर (जैसे ओरांगउटान, गिबन, चिंपांजी, आदि) के मेल से…

“हम इस शताब्दी में एलियंस से संपर्क कर लेंगे” – मिशियो काकू

“हम इस शताब्दी में एलियंस से संपर्क कर लेंगे” – मिशियो काकू

विश्व के सबसे सम्मानित सैद्धांतिक भौतिकशास्त्री प्रोफ़ेसर मिशियो काकू (Michio Kaku) का यह मानना है कि मनुष्यों और एलियंस के…

पृथ्वी की संपदा खत्म हो जाने पर हम दूसरे ग्रहों पर कब तक जाएंगे?

पृथ्वी की संपदा खत्म हो जाने पर हम दूसरे ग्रहों पर कब तक जाएंगे?

पृथ्वी पर वर्तमान जन्म-दर लगभग 16,000 शिशु प्रति घंटा है और मृत्यु-दर लगभग 9,000 व्यक्ति प्रति घंटा है. इसका अर्थ…