भूतपूर्व अमेरिकी नौसेना एडमिरल और नेवी सील प्रशिक्षक विलियम एच. मैक्.रेवन ने 2014 में टैक्सास यूनिवर्सिटी में यह शानदार स्पीच दी.
इस स्पीच का एक रोमांचक अंश मैं आपके सामने प्रस्तुत करना चाहता हूं, जिससे उन्होंने अपने श्रोताओं को प्रेरणा और प्रोत्साहन दियाः
यदि तुम दुनिया को बदलना चाहते हो तो इसकी शुरुआत अपना बिस्तर जमाने से करो.
सुबह उठने के बाद यदि तुम अपने बिस्तर को जमा लोगे तो तुम दिन की शुरुआत एक काम को पूरा करने से करोगे.
यह कर लेने पर तुम्हें छोटी ही सही लेकिन गौरव की अनुभूति होगी. यह अनुभूति तुम्हें किसी दूसरे काम को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी, फिर किसी और काम को…
दिन के समाप्त होने तक वह एक पूरा काम कई कामों को पूरा करने में बदल चुका होगा..
बिस्तर समेटने का छोटा सा काम तुम्हें यह महसूस कराएगा कि ज़िंदगी में छोटी-छोटी बातें बड़ा महत्व रखती हैं.
यदि तुम छोटे-छोटे काम सही से नहीं कर सकते तो तुम बड़े-बड़े काम ठीक से कभी नहीं कर पाओगे.
यदि दुर्भाग्यवश तुम्हारा दिन बहुत बुरा बीते तो घर लौटने पर करीने से जमा हुआ बिस्तर तुम्हें बेहतर महसूस कराएगा. इसे तुमने ही बनाया था.
जमा हुआ वह बिस्तर तुम्हें प्रेरित करेगा, तुम्हें कहेगा कि आनेवाला कल यकीनन बेहतर होगा.
स्पीच को सुन रहे अधिकांश श्रोता यह सब सुनकर हंस रहे थे. बिस्तर जमाने से दुनिया बदलेगी… यह कोई मजाक है क्या?
नहीं. यह मजाक नहीं है. एडमिरल की इन सीधी-सादी मजाकिया सी लगनेवाली बातों में गहरा संदेश छुपा है.
उन्होंने ये बातें अपने गहरे ज्ञान और विशाल अनुभव के आधार पर कही थीं, जो उन्हें वर्षों तक बेहद कठोर नेवी सील ट्रेनिंग से मिला था.
जीवन के संबंध में ये बातें पूर्ण सत्य हैं. यदि हम छोटी चीजें सही से नहीं कर सकते तो जीवन की विशाल समस्याओं, तकलीफों और चुनौतियों का सामना हम कैसे करेंगे?
हमें छोटे-छोटे काम कुशलता और परिपूर्णता के साथ करने की कोशिश करनी चाहिए. यदि हम छोटे-छोटे काम बहुत अच्छे से करेंगे तो हम दूसरे लोगों से बहुत आगे निकल जाएंगे.
आपको बहुत महत्वाकांक्षी होने की कोई ज़रूरत नहीं है. छोटे काम या छोटी चीजों पर पूरा फोकस करके छोटी सफलता अर्जित कीजिए और समय को व्यर्थ करने वाली दूसरी छोटी चीज़ों को नजरअंदाज़ करते जाइए.
छोटे-छोटे लक्ष्य प्राप्त करने पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. धीरे-धीरे आप खुद पर और अधिक यकीन करने लगेंगे और बड़े लक्ष्यों तक पहुंचने में आपका हौसला पस्त नहीं होगा.
हमारी रोज़मर्रा की छोटी सफलताएं एकजुट होकर बड़ी सफलता बनेंगी. अपने लक्ष्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर आप उन्हें एक-के-बाद-एक हासिल कर सकते हैं.
जीवन को रूपांतरित कर देने वाले एडमिरल के ये प्रेरणादायी शब्द रोम-रोम को झकझोर देते हैं.