आज से लगभग 20 साल पहले… Rediffmail के जमाने में जब फेसबुक और वाट्सअप वगैरह नहीं था तब ई-मेल फॉरवर्ड्स का जमाना था. लोग एक दूसरे से चीजें ई-मेल के मार्फत शेयर करते थे. उन्हीं दिनों मुझे किसी ने एक मेल में छोटी कहानी भेजी थी, जिसमें खुश रहने के लिए 5 उपाय बताए गए हैं. स्मृति के आधार पर मैं वह कहानी यहां पोस्ट कर रहा हूं. हर पुरानी बात की तरह इन्हें भी लोगों ने आउटडेटेड मान लिया है.
कहानी यह है कि एक दिन एक किसान का बूढ़ा गधा सूखे कुंए में गिर गया. बेचारा घायल जानवर बहुत देर तक बचाव के लिए चिल्लाता रहा लेकिन किसी को उसे कुंए से निकालने का उपाय ही नहीं सूझे. कुंआ संकरा था और कोई उसमें उतरकर गधे को निकाल नहीं पाता.
कई घंटे तक गधा कुंए में फंसा रहा. किसान कुछ कर नहीं पा रहा था. अंततः उसने सोचा कि गधा बूढ़ा हो गया है, तो क्यों न उसे कुंए में ही मिट्टी डालकर मुक्ति दे दी जाए.
उसने अपने पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया. वे अपने-अपने फावड़े और तसले ले आए और गधे पर मिट्टी गिराने लगे.
गधे को आभास हो गया कि उसके साथ क्या होने जा रहा है. पहले तो उसने बहुत विलाप किया, फिर वह एकाएक चुप हो गया.
कुछ तसले मिट्टी डालने के बाद किसान ने कुंए में झांककर देखा तो उसके अचरज का ठिकाना नहीं रहा. अपनी पीठ पर गिरनेवाली हर तसला मिट्टी के साथ गधा चकित करनेवाली हरकत कर रहा था. वह जोर से हिलकर सारी मिट्टी झाड़ देता और उसपर खड़ा हो जाता था.
जैसे-जैसे किसान और उसके पड़ोसी गधे पर मिट्टी डालते रहे, वह मिट्टी को कुंए के तल पर झाड़कर उसकी ऊंचाई बढ़ाता रहा. जल्द ही वह इतना ऊपर आ गया कि अपने आप ही उचककर कुंए से बाहर निकल गया.
मैंने इस कहानी के लेखक को खोजने की कोशिश की तो पता चला कि इसे किसी होरमुद जे. दादीनाथ ने लिखा था. इसके साथ उन्होंने इस कहानी से मिलनेवाली शिक्षा भी पांच बिंदुओं में लिखी है. जीवन में खुश रहने के वे पांच उपाय ये रहेः
1. अपने दिल से सारी नफरत को निकाल दो. दयालु बनो
2. अपने मन को चिंताओं से मुक्त कर दो – चिंताएं डराती बहुत हैं पर अक्सर ही कुछ खास नहीं होता.
3. सरल जीवन जियो और जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसकी कद्र करो.
4. दूसरों की जितनी सहायता कर सकते हो, करो.
5. ईश्वर के सिवाय किसी और से कुछ पाने की उम्मीद मत करो.
ज़िंदगी तुम्हारे ऊपर मिट्टी उड़ेलती रहेगी, हर तरह के दुख-तकलीफ़. खुश रहने की ट्रिक यह है कि उसे झाड़कर गिरा दो और थोड़ा ऊपर उठ जाओ. राह में आने वाले हर पत्थर को सीढ़ी की तरह समझो. मान लो कि तुम उसी गधे की भांति हो और इस कुंए से तुम तभी निकलोगे जब हार नहीं मानोगे और हर दुख-तकलीफ को झाड़कर आगे बढ़ जाओगे. इसके सिवाय तुम्हारे पास और कोई उपाय नहीं है. है क्या?
तुम्हारे सामने दो विकल्प हैंः मुस्कुराओ और इस पोस्ट से आगे बढ़ जाओ… या ज़िंदगी के इस सबक को शेयर करके सभी को पढ़ाओ. (पुराने ई-मेल फॉरवर्ड्स में ऐसा ही लिखा रहता था).
Photo by Edin Hopic on Unsplash