कुछ साल पहले की तुलना में इन दिनों कैंसर के बहुत सारे मामले क्यों देखे जा रहे हैं?
कैंसर के मामले आजकल बहुत अधिक संख्या में देखे जा रहे है. इसका कारण यह है कि कैंसर मुख्यतः प्रौढ़ावस्था या वृद्धावस्था का रोग है. ऐसे कैंसर बहुत कम हैं जो छोटी उम्र के व्यक्तियों को ग्रस्त करते हो. महिलाओं में स्तन कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर सर्वाधिक पाया जाता है जो कि प्रौढ़ व्यक्तियों को अपनी चपेट में लेता है.
आज से 20 वर्ष पहले तक भारतीय नागरिकों की औसत आयु लगभग 55 वर्ष थी जो कि अब बढ़कर 75 वर्ष के आसपास हो गई है. औसत आयु में वृद्धि होने के कारण मनुष्यों को कैंसर होने की संभावना भी अधिक हो गई है क्योंकि अधिकांश कैंसर प्रौढ़ावस्था के बाद होते हैं.
अधिकांश व्यक्तियों में कैंसर कारक जीन उनकी वृद्धावस्था के आरंभ होने पर सक्रिय हो जाते हैं. खराब जीवनशैली, तंबाकू और शराब आदि के प्रयोग के कारण भी बड़ी मात्रा में कैंसर होता है जो प्रायः प्रौढ़ व्यक्तियों को ही होता है.
क्या मानसिक या मनोवैज्ञानिक तनाव से कैंसर हो सकता है?
इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि मानसिक या मनोवैज्ञानिक तनाव से कैंसर हो सकता है.
लेकिन मानसिक तनाव अप्रत्यक्ष रूप से कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है क्योंकि तनाव होने पर कुछ लोग स्मोकिंग और शराब का सेवन करने लगते हैं.
मानसिक तनाव हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, और दिल के रोगों से जुड़े खतरे को बढ़ाता है.
कीमोथेरेपी से बाल क्यों झड़ते हैं?
कैंसर बहुत तेजी से बढ़ती हुई कोशिकाओं के कारण होता है जिनका बढ़ना अनियंत्रित हो जाता है. कीमोथैरेपी में दी जाने वाली दवाएं कैंसर की कोशिकाओं की बढ़त को रोकने के साथ ही शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं की बढ़त पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं.
हमारे बाल त्वचा के नीचे जिन कोशिकाओं से होते हुए निकलते हैं वे कोशिकाएं भी शरीर की सबसे अधिक तीव्र गति से बढ़ने वाली कोशिकाओं में से होती हैं, इसलिए इन पर कीमोथेरेपी का बहुत विपरीत प्रभाव पड़ता है और बाल जड़ से उखड़ने लगते हैं. आमतौर पर कीमोथैरेपी शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर ही कुछ या लगभग सभी बाल गुच्छों के रूप में निकल जाते है.
कैंसर के बारे में कुछ और तथ्यः
- मनुष्यों को 100 से भी अधिक प्रकार के कैंसर हो सकते हैं. कई कैंसर, जैसे रक्त के कैंसरों के दसियों प्रकार होते हैं.
- पशु-पक्षियों और पैड़-पौधों को भी कैंसर होता है.
- एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 में से 1 पुरुष और 8 में से 1 स्त्री को उसके जीवनकाल में 35 वर्ष का होने के बाद किसी तरह का कैंसर होने की संभावना होती है. पुरुषों और स्त्रियों में 35 से 70+ वर्ष के दौरान तंबाकू के उपयोग के कारण होनेवाले किसी प्रकार के कैंसर के होने की संभावना क्रमशः 4.75% और 2.16% होती है.
- तंबाकू और एल्कोहल से दूर रहकर तथा स्वास्थ्यप्रद आहार व सक्रिय जीवनशैली को अपनाने पर लगभग 30% प्रकार के कैंसरों से बचा जा सकता है.
- भरपूर पैदल चलने से स्तन कैंसर का खतरा लगभग 25% तक घट जाता है.
- मारियुआना से प्राप्त होने वाले एक यौगिक के उपयोग से कैंसर की कोशिकाएं एक ही स्थान पर सिमट जाती हैं और उनका प्रसार मंद पड़ जाता है.
- सिगरेट में 4800 से भी अधिक रासायनिक पदार्थ होते हैं जिनमें से 69 के बारे में हमें यह जानकारी है कि उनसे कैंसर होता है.
- डायबिटीज़ से कैंसर का खतरा 15% तक बढ़ जाता है.
- अल्ट्रावॉयलेट किरणों के अधिक संपर्ख में रहने के कारण हवाई जहाज के पायलेट और फ्लाइट अटेंडेंट्स को स्किन कैंसर होने का खतरा दोगुना अधिक होता है.
- स्तन कैंसर पुरुषों को भी हो सकता है और भारत में हर वर्ष इससे हजारों पुरुषों की मृत्यु होती है.
कैंसर से जुड़ी हर खबर बुरी नहीं होती, जैसे किः
- दुनिया में हर वर्ष तीन करोड़ लोग कैंसर पर पूरी तरह से विजय प्राप्त करते हैं.
- कैंसर से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों में हर वर्ष सुधार हो रहा है. इसकी मृत्यु दर 1991 में 10,000 में से 215 की तुलना में 2010 में 10,000 में घटकर 172 हो गई है.
- प्रशिक्षित कुत्ते सूंघकर प्रोस्टेट कैंसर का पता 98% की शुद्धता तक लगा लेते हैं.
आपका जीवन आपके हाथों में ही है. इसे लंबी उम्र तक स्वस्थ और प्रसन्न रहकर बिताइए. स्मोकिंग और शराब से दूर रहिए. यदि आप इन्हें अपने लिए नहीं छोड़ सकते तो उनके बारे में विचार कीजिए जिनका आपके जीवन में बहुत अधिक मोल है. Photo by Nguyễn Linh on Unsplash