हमारी अपनी गैलेक्सी आकाशगंगा के आकार के बारे में प्रायः यह कहा जाता है कि यह 1 लाख प्रकाशवर्ष चौड़ी है. लेकिन हाल ही हुए कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि आकाशगंगा हमारे अनुमान से कहीं अधिक विशाल है और यह 2 लाख प्रकाशवर्ष तक चौड़ी हो सकती है. इसका अर्थ यह है कि प्रकाश की गति से चल रहे किसी यान को इसे एक छोर ले लेकर दूसरे छोर कर पूरा पार करने में 2 लाख साल तक लग सकते हैं.
वैज्ञानिकों को इस तथ्य की जानकारी तारों में भारी धातुओं की मौजूदगी के आधार पर मिली. इन भारी धात्वीय पदार्थों को मैटेलिसाइट्स (metallicities) भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने जब आकाशगंगा की डिस्क की बाहरी सीमा पर उपस्थित पदार्थ की तुलना डिस्क में मौजूद तारों के पदार्थ से की तो वे आश्चर्यचकित रह गए. इस स्टडी से जुड़े एक वैज्ञानिक ने कहा, “हमने इसमें यह देखा है कि बाहरी क्षेत्र के तारों में धात्वीय तत्वों की अधिकता है जो कि डिस्क में उपस्थित तारों का प्रमुख गुण है, और ये तारे पूर्वज्ञात डिस्क की परिधि के भी बहुत बाहर हैं.”
इस प्रकार नइ स्टडी के अनुमान के आधार पर आकाशगंगा की डिस्क की चौड़ाई लगभग 2 लाख प्रकाशवर्ष है. इससे पहले किए गए अध्ययनों में इसकी चौड़ाई 1 लाख से लेकर 1 लाख 60 हजार के बीच मानी गई थी. (एक प्रकाश वर्ष की दूरी लगभग 6 ट्रिलियन मील या लगभग 10 ट्रिलियन किलोमीटर होती है. इसे अंकों में 9,500,000,000,000 किलोमीटर लिखा जाता है.)
खगोलविदों का यह कहना है कि नए खोजे गए तारे आकाशगंगा के केंद्र से सूर्य की दूरी के लगभग तीन गुना अधिक दूरी पर स्थित हैं. यह भी संभव है कि चार गुना दूरी पर भी डिस्क तारों की मौजूदगी हो.
स्टडी करने वाले वैज्ञानिक एपोजी (APOGEE, Apache Point Observatory Galactic Evolution Experiment) और लामोस्ट (LAMOST, Large Sky Area Multi-Object Fiber Spectroscopic Telescope) से मिले आंकड़ों के आधार पर अपने निष्कर्षों तक पहुंचे. इन उपकरणों द्वारा तारों के स्पेक्ट्रम का आध्ययन किया गया. किसी तारे के स्पेक्ट्रम में उससे आनेवाले प्रकाश को अलग-अलग रंगों में तोड़ा जाता है. इन रंगों के पैटर्न का अध्ययन करके वैज्ञानिक तारों में मौजूद तत्वों के प्रतिशत का निर्धारण करते हैं.
यह पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा के आकार का पुनर्निधारण किया है. एंड्रोमेडा गैलेक्सी के नए अध्ययन से भी इस बात का पता चला है कि यह गैलेक्सी आकाशगंगा से बड़ी नहीं बल्कि आकाशगंगा जितनी ही बड़ी है. इस तथ्य का पता चलने से 4 अरब वर्ष बाद इन दोनों गैलेक्सियों की होनेवाली संभावित टक्कर से जुड़ी भविष्यवाणियों को फिर से जांचने की ज़रूरत होगी.
स्रोत – फोटोः नई स्टडी के अनुसार आकाशगंगा की सीमा फोटो में दिख रहे भीतरी डॉटेड वृत्त तक है और यह बाहरी डॉटेड वृत्त तक भी विस्तृत हो सकती है. फोटो में पीले निशान से सूर्य की स्थिति को चिह्नित किया गया है. Credit: R. Hurt, SSC-Caltech, NASA/JPL-Caltech
अभूत जानकारी है……
पसंद करेंपसंद करें