साइंस-फ़िक्शन की किताबों और फ़िल्मों में मरे हुए एलियंस मिलना आम है. मुझे याद आता है कि रिडली स्कॉट की फ़िल्म प्रोमेथियस (Prometheus) में नूमी रापास की टीम को पृथ्वी जैसे एक ग्रह पर मृत एलियंस के परिरक्षित शव मिलते हैं और कहानी की गुत्थी उलझती जाती है.
लेकिन हाल ही में फ़्रांसीसी खगोलशास्त्री क्लॉडियो ग्रिमाल्डी (Claudio Grimaldi) के नेतृत्व में एक टीम ने अपने रिसर्च पेपर मे यह बताया है कि हम जिन एलियन सभ्यताओं को खोज सकते है वे बहुत पहले ही मर कर समाप्त हो चुकी होंगी.
लेकिन यह कैसे संभव है कि अधिकांश समूची एलियन सभ्यताएं नष्ट हो चुकी हों? यह बात बहुत ही अजीब लगती है. लेकिन हम यह कैसे कह सकते हैं कि हमसे कुछ सौ या हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर सभ्यताएं अभी भी पनप रही हैं? इस बात का अनुमान लगाना बहुत कठिन है. यही कारण है कि ग्रिमाल्डी और उनकी टीम के द्वारा निकाले गए निष्कर्ष सही प्रतीत होते हैं. यदि हम सेटी (search for extraterrestrial intelligence, SETI) द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर नए सिरे से विचार करें तो इसे बेहतर तरीके से समझ पाएंगे.
हमें किसी भी एलियन सभ्यता से मिलने वाला रेडियो सिग्नल भी प्रकाश की गति से चलता है. चूंकि अंतरिक्ष हमारी सोच से भी बहुत-बहुत अधिक विशाल है इसलिए बहुत से वैज्ञानिक यह मानते हैं कि हमें यदि कभी कोई सिग्नल मिलेंगे तो वे हजारों-लाखों वर्ष पहले भेजे गए होंगे. इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जिन एलियंस ने वे सिग्नल भेजे होंगे वे बहुत पहले मर चुके होंगे और इस बात की भी प्रबल संभावना हो सकती है कि उनकी पूरी सभ्यता भी नष्ट हो चुकी हो.
इस निराशाजनक परिदृश्य के संबंध में मेरा विमर्श इस तथ्य पर आधारित है कि सेटी ने अभी तक जिन तारामंडलों में जीवन की खोज के प्रयास किए हैं वे सभी केवल कुछ सौ प्रकाश वर्ष की दूरी के भीतर ही हैं. इसका अर्थ यह है कि यदि हमें इन तारामंडलों से कोई सिग्नल मिलेंगे तो वे हजारों-लाखों वर्ष पुराने नहीं होंगे. और चूंकि अंतरिक्ष के इतिहास में कुछ शताब्दियां बहुत छोटा समयकाल होता है इसलिए मैं अपनी बात को हमारी डाक व्यवस्था के उदाहरण से समझाने का प्रयास करता हूं. मुझे दूसरे शहर से मेरी नानी द्वारा भेजी गई चिट्ठी 3-4 दिनों में मिल जाती है. अब इस बात की संभावना बहुत कम है कि मुझे चिट्ठी मिलने से पहले नानी का निधन हो जाए क्योंकि मनुष्यों के औसत जीवनकाल की तुलना में 3-4 दिन बहुत कम होते हैं. लेकिन यदि यदि चिट्ठी मुझे 30-35 वर्ष बाद मिले तो दुर्भाग्यवश इस बीच मेरी नानी का निधन हो चुका होगा.
रिसर्च टीम का पेपर भी इसी तरह के तर्क को गणितीय आधार पर प्रस्तुत करता है. यहां हम यह मान लेते हैं कि आकाशगंगा के किसी रैंडम कोने पर किसी रैंडम समय में एक एलियन सभ्यता विकसित होती है और वह अंतरिक्ष में अपना रेडियो सिग्नल प्रसारित करती है. ये रेडियो सिग्नल समय के साथ-साथ आकाशगंगा में लहरों की भांति फैलते जाते हैं और अधिकाधिक तारामंडलों तक पहुंचते जाते हैं.
इस स्थिति में हम यह अनुमान लगाते हैं कि किसी बिंदु पर कोई अनहोनी घटना (इसमें एलियन सभ्यता द्वारा स्वयं को नष्ट कर लेना भी शामिल है) होने पर एलियंस के ट्रांसमीटर बंद हो जाते हैं. अब यदि कोई औसत एलियन समाज सभ्यता के शिखर पर बहुत लंबे समय (लगभग 1 लाख वर्ष) तक मौजूद रहे तो इसका सिग्नल हमारी पूरी आकाशगंगा में फैल सकता है और इस अवधि में वे एलियंस भी अस्तित्व में रहेंगे. इन परिस्तिथियों में वह एलियन सभ्यता केवल अपने ही ग्रह या तारामंडल तक सीमित न रहकर स्टार-ट्रैक धारावाहिक के अतंरिक्ष वासियों की भांति आकाशगंगा के अलग-अलग हिस्सों से अपने सिग्नल छोड़ती जाएगी और कहीं-न-कहीं अस्तित्व में बनी रहेगी.
दूसरी ओर, यदि दूसरे तारामंडलों में मौजूद बहुसंख्यक एलियन सभ्यताएं विलुप्त हो चुकी होंगी तो भविष्य में हमें मिलनेवाले सिग्नल उन एलियंस के होंगे जो बहुत पहले ही मर चुके हैं. यदि अधिकांश सभ्यताएं 10,000 वर्ष तक अपने रेडियो सिग्नल प्रसारित करें (मनुष्यों को रेडियो सिग्नल प्रसारित करते हुए केवल लगभग एक शताब्दी ही बीती है) तो हम यह मान सकते हैं कि भविष्य में हमें मिलनेवाले 99 प्रतिशत सिग्नल उन एलियन सभ्यताओं के होंगे जो विलुप्त या नष्ट हो चुकी हैं.
तो, SETI को भविष्य में मिलनेवाला कोई रेडियो सिग्नल ऐसी सभ्यता का होने की बहुत अधिक संभावना है जो जीवाश्म में बदल चुकी होगी. किसी संदेश का उत्तर देने वाले एलियंस के मौजूद नहीं होने का हमें पता चलना बहुत कठिन है क्योंकि उनके सिग्नल का उत्तर देकर उनसे बात करने का विचार बहुत बेतुका होगा. यदि हमें किसी ऐसी सभ्यता का संदेश मिले जो हमसे केवल 100 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हो तो उसके संदेश का उत्तर भेजने के बाद हमें प्रतिउत्तर पाने के लिए 200 वर्ष तक की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी जो किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं है.
जब मैं हाइस्कूल में था तब लेटिन क्लास में मैंने जूलियस सीज़र के बारे में पढ़ा था. यह मैं इसलिए बता रहा हूं कि जूलियस सीज़र और उसका संदेश 2000 वर्ष पुरानी बात थी और रोमन साम्राज्य कभी का समाप्त हो चुका था. मैंने 2000 वर्ष बाद जूलियस सीज़र के संदेश को ग्रहण किया, यह बहुत महत्वपूर्ण बात है. इसी प्रकार यदि हमें कभी एलियंस का कोई संदेश मिले तो बड़ा प्रश्न यह नहीं होगा कि हम उनसे बात कर पाएंगे या नहीं बल्कि हम हमेशा के लिए आश्वस्त हो जाएंगे कि ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं.
हमें मिलनेवाला ऐसा कोई संदेश किसी ऐसी एलियन सभ्यता से आएगा जो तकनीकी आधार पर हमसे बहुत अधिक उन्नत रही होगी क्योंकि वे हमसे भी सैंकड़ों-हजारों-लाखों वर्ष पहले इतना शक्तिशाली संदेश भेज सके जो समय बीतते-बीतते बहुत कमज़ोर होने पर भी हमारी पकड़ में आ सका. इसलिए मैं यह मानता हूं कि वे भले ही हमें कभी मिलें या न मिलें, उनके संदेश का मिलना मात्र ही हमारे लिए बहुत बड़ी बात होगी. सोचिए, कितना रोचक होगा यदि हमें एलियन सभ्यता का कोई वीडियो मैसेज मिले. यह न केवल बहुत महत्वपूर्ण होगा बल्कि मानव जाति के रूप में दीर्घकालिक सर्वाइवल में भी मदद करेगा.
सेथ शोस्ताक के इस लेख पर आधारित. Featured Image, Prometheus wallpaper.