ऊपर दिया गया फोटो स्पेस शटल चैलेंजर (Challenger space shuttle) में हुए विस्फोट का है. इस दुर्घटना का समाचार मैंने दूरदर्शन पर 1986 में देखा था और इससे बहुत मर्माहत हुआ था क्योंकि मैं इस शटल प्रोग्राम को फॉलो कर रहा था. उन दिनों हमारे यहां धर्मयुग पत्रिका नियमित रूप से आती थी और उसके अंकों में इस प्रोग्राम के विवरणों को मैं बहुत रुचिपूर्वक पढ़ता था.

Christa McAuliffe
28 जनवरी 1986 को स्पेस शटल चैलेंजर अपने दसवें मिशन पर रवाना हुआ पर यह उसका अंतिम मिशन सिद्ध हुआ. टेक-ऑफ़ के 73 सेकंड बाद चैलेंजर एक धमाके से उड़ गया और उसमें बैठे सारे 7 अंतरिक्ष यात्री मारे गए. इन अंतरिक्ष यात्रियों में एक सिविलियन स्कूल टीचर शेरोन क्रिस्टा मैक्ऑलिफ़ (Sharon Christa McAuliffe) भी थी जो अपने मोहक व्यक्तित्व के कारण बहुत प्रसिद्ध हो गई थी.
अंतरिक्ष यात्रियों के साथ-साथ इस दुर्घटना में करोड़ों डॉलर की टैक्नोलॉजी का भी नुकसान हुआ. चैलेंजर अटलांटिक महासागर के ऊपर फ़्लोरिडा के केप केनवेराल (Cape Canaveral) में कैनेडी स्पेस सेंटर के ऊपर बिखर गया.
चैलेंजर इसलिए नष्ट हो गया हुआ क्योंकि इसके बाहरी फ़्यूल टैंक में विस्फोट हो गया था.
बाहरी फ़्यूल टैंक इसलिए फट गया क्योंकि दांया रॉकेट बूस्टर ढीला हो गया और इसने बाहरी फ़्यूल टैक को तोड़ दिया.
दांया रॉकेट बूस्टर इसलिए ढीला हो गया क्योंकि उनसे लीक होनेवाली गर्म गैसों ने बाहरी फ़्यूल टैंक में छेद कर दिया और रॉकेट बूस्टर तथा शटल के जोड़ को नुकसान पहुंचाया. ये दो बड़ी मुसीबतें एक साथ आईं.
रॉकेट बूस्टर से गर्म गैस क्यों लीक हो रही थी? क्योंकि ओ-रिंग (O-ring) नामक एक सीलिंग पार्ट खराब हो गया था.
ओ-रिंग इसलिए खराब हो गई क्योंकि शटल के लांच के दिन मौसम बहुत ठंडा था. ओ-रिंग को उतने ठंडे मौसम में काम करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था. लांच के दिन के पहले वाली रात को तापमान शून्य से 8 डिग्री नीचे तक चला गया था.
ओ-रिंग के टूट जाने के कारण सात बहुत प्रतिभावान अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने प्राण गंवा दिए और बहुत आर्थिक हानि भी हुई. दुर्घटना की जांच लंबे समय तक चली और इस दौरान शटल प्रोग्राम स्थगित रहा.
ओ-रिंग कितनी बड़ी थी? 0.28 इंच या लगभग 0.71 सेंटीमीटर चौड़ी.
शटल कितना बड़ा था? इसकी लंबाई 122 फ़ीट या 37.25 मीटर थी. इसकी ऊंचाई 58.58 फ़ीट या 17.25 मीटर थी. इसके पंखों का फैलाव साढ़े 78 फ़ीट या 23.79 मीटर था.
इस त्रासदी से क्या शिक्षा मिलती है? यही कि बहुत छोटी-छोटी चीजें… बातें भी बहुत मायने रखती हैं!
यह सीन वांग ने क्वोरा पर लिखा और मैंने भी इसमें अपना कुछ जोड़ा. हादसे का वीडियो नीचे देखिए.