वॉयेजर (Voyager) अंतरिक्ष यानों की किसी परग्रही (एलियन) सभ्यता के संपर्क में आने की संभावना शून्य से अधिक है. यह बहुत-बहुत कम है लेकिन शून्य नहीं है. हम इसे लगभग शून्य भी कह सकते हैं
वॉयेजर यानों में रखे गए संदेशों और गोल्डन रिकॉर्ड का महत्व केवल प्रतीकात्मक था. 40 वर्ष बाद भी दोनों वॉयेजर यान किसी भी तारे की अपेक्षा सूर्य के ही निकट हैं और अगले 40,000 वर्षों तक वे सूर्य के ही सर्वाधिक निकट रहेंगे. उस समय पृथ्वी से उनकी दूरी 2 प्रकाश वर्ष होगी. उनके किसी भी परग्रही सभ्यता द्वारा खोजे जाने के लिए हमें लाखों-करोड़ो वर्षों का इंतजार करना पड़ेगा. या फिर हम इतने भाग्यशाली हों कि असीम अंतरिक्ष में परग्रहियों के कोई यान वॉेयेजर को देख लें. इन दोनों दशाओं की संभावना बहुत कम है. वॉयोजरों को बनाने वाले वैज्ञानिकों को इन बातों का पता था लेकिन वे यह भी जानते थे कि किसी अतिउन्नत प्रणोदन (propulsion) तकनीक की खोज नहीं होने की स्थिति में ये दो यान ही सौरमंडल को छोड़कर सबसे पहले अंतर्तारकीय अंतरिक्ष में प्रवेश करेंगे.
इसीलिये वैज्ञानिकों ने वॉयेजर यानों पर परग्रहियों के लिए एक संदेश छोड़ने का विचार इस आशा से किया कि कभी-न-कभी वे किसी परग्रही सभ्यता के हाथ लगेंगे. मनुष्यों ने परग्रहियों के लिए एक संदेश छोड़ा – हम यहां हैं और हम मित्रता चाहते हैं.
क्या हम वॉयेजरों की किसी एलियन सभ्यता के संपर्क में आने की उम्मीद करते हैं? बेशक. हमने इस परिदृश्य पर फिल्में और वृत्तचित्र बनाएं हैं. बहुत से लोग इसकी प्रबल संभावना में विश्वास करते हैं. यदि ऐसा नहीं होता तो हमने पायोनियर (Pioneers) 10 और 11 यानों पर भी वॉयेजरों की तरह संदेश क्यों रखे! लेकिन हमें इस तथ्य पर भी ध्यान देना चाहिए कि न्यू होराइजंस (New Horizons) अंतरिक्ष यान पर किसी प्रकार का संदेश नहीं रखा गया. ये यान भी सौरमंडल से बाहर जाने के लिए छोड़ा गया है.
नासा ने नए अभियान पर कोई संदेश क्यों नहीं रखा? हमें इस कठोर सच्चाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए कि इन पांचों स्पेसक्राफ़्ट्स में से कोई भी किसी को नहीं मिलेगा. हमें भी नहीं. हम अगले कुछ दशकों तक वॉयेजरों को ट्रैक कर पाएंगे और अगले कुछ लाख वर्षों तक अंतरिक्ष में उनकी स्थिति का सटीकता से अनुमान लगा सकेंगे लेकिन उनका किसी एलियन सभ्यता से संपर्क होना-न-होना अलग परिमाण की समस्या है.
नासा ने न्यू होराइजंस अभियान पर कोई संदेश इसलिए नहीं रखा क्योंकि इसपर खर्चा भी होता और यह यान के भार को भी बढ़ा देता. पुराने अभियानों पर हमने जो संदेश और रिकॉर्ड रखे थे वे भी खुद को ही दिलासा देने और खुद को ही यकीन दिलाने के लिए रखे थे कि हम आशावान हैं. हमने ये किसी परग्रही सभ्यता के लिए नहीं रखे क्योंकि हम यह नहीं जानते कि वे कौन हैं, कहां हैं, और हम उनसे कब मिलेंगे.
40,000 वर्ष बाद दोनों वॉयेजर सूर्य के निकटतम तारे से लगभग 2 प्रकाश वर्ष दूर होंगे. लगभग 3 लाख वर्ष बाद वॉयेजर 2 आकाश के सबसे चमकीले तारे साइरियस (Sirius) के लगभग 4.5 प्रकाश वर्ष दूर से गुजरेगा. उसके बाद लाखों-लाखों वर्षों तक कोई रोचक घटना होने की उम्मीद नहीं है.
दोनो वॉयेजरों पर रखे गए गोल्डन रिकॉर्ड्स की उम्र के बारे में कई अनुमान लगाए गए हैं. ये अधिकतम 1 अरब वर्ष तक सुरक्षित रह सकते हैं. ये भी केवल एक अनुमान ही है लेकिन यदि हम इसे भी सत्य मान लें तो भी इस अवधि में वॉयेजरों के हमारी आकाशगंगा के इस भाग में सूर्य जैसे उपयुक्त तारे के समीप पहुंचने की संभावना क्षीण है. इस प्रकार इस बात की संभावना लगभग शून्य ही है कि कोई बुद्धिमान परग्रही सभ्यता हमारे भेजे संदेशों का कभी अध्ययन करेगी. (featured image, Voyager 2)
आश्चर्यजनक……..
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