हवाई जहाज सामान्यतः 30,000 फीट से लेकर 40,000 फीट की ऊंचाई पर मैक (Mach) 0.8 से मैक 0.9 की गति पर उड़ते हैं. यह गति लगभग 450 से 500 नॉट्स (knots) या लगभग 500 से 600 मील प्रति घंटा या लगभग 800 से 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. गति की मैक यूनिट के बारे में आपको बता दूं कि ध्वनि की गति को 1 मैक कहा जाता है. सुपरसॉनिक गति उसे कहा जाता है जब कोई ऑब्जेक्ट ध्वनि की गति अर्थात 1 मैक से अधिक गति पर उड़ता है. ध्वनि की गति समुद्र की सतह पर सूखी हवा और 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड या 1,125 फीट प्रति सेकंड या 768 मील प्रति घंटा या 1,235 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. कॉनकॉर्ड के अलावा कोई और यात्री विमान सुपरसॉनिक गति पर नहीं उड़ा.
एरोस्पेशियाल/BAC कॉनकॉर्ड ब्रिटिश-फ़्रेंच टर्बोजेट इंजन से चलनेवाले यात्री विमान थे जो ध्वनि की गति से भी तेज उड़ते थे. वे 2003 तक उड़ान भरते रहे. उनकी अधिकतम गति ध्वनि की गति की लगभग दो गुनी 2.04 मैक (1,354 मील प्रति घंटा या 2,180 किलोमीटर प्रति घंटा) होती थी. इसमें 92 से लेकर 128 तक यात्री बैठ सकते थे. इस विमान ने सबसे पहले 1969 में उड़ान भरी और इनकी व्यापारिक उड़ानें 1976 में शुरु हुईं. कॉनकॉर्ड की एक फ्लाइट एयर फ्रांस 4590 पेरिस से न्यूयॉर्क जाने वाली थी. 25 जुलाई 2000 को इस विमान का टायर रनवे पर दौड़ते समय किसी दूसरे विमान से गिरी लोहे की छड़ से पंचर होकर फट गया. फटे टायर का एक टुकड़ा हवा में उठ चुके विमान के फ्यूल टैंक से टकरा गया. इससे लगी आग से इंजन फेल हो गए और विमान टेक-ऑफ़ के दो मिनटों के भीतर एक होटल पर क्रैश हो गया. इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 109 व्यक्ति मारे गए. कॉनकॉर्ड के 27 वर्ष के इतिहास में यह एकमात्र दुर्घटना थी. इसके बाद इन विमानों की उड़ानें हमेशा के लिए बंद कर दी गईं. आग की चपेट में कॉनकॉर्ड का वास्तविक फोटो आप नीचे देख सकते हैं.
किसी भी प्रकार के यात्री विमान एक सीमित रेंज तक ही अधिकतम गति से उड़ सकते हैं. समुद्र की सतह से ऊंचाई का विमान की गति पर प्रभाव पड़ता है. गति की अधिकतम सीमा पर मैक स्पीड होती है जो ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ घटती जाती है. 40,000 फीट की ऊंचाई पर यह स्पीड केवल कुछ दर्जन नॉट्स ही रह जाती है. इस प्रकार हवाई जहाजों के पास उड़ने की गति का चुनाव करने के विकल्प बहुत कम होते हैं.
हवाई जहाज सामान्यतः लेट होने पर तेज गति से उड़कर समय की भरपाई नहीं करते. हर फ्लाइट की एयरस्पीड का निर्धारण एयरलाइनें बहुत पहले से करके रखती हैं. यह उस फ्लाइट के मुनाफ़ा देने की क्षमता पर निर्भर करता है. तेज उड़नेवाली फ्लाइट अधिक ईंधन खाती है लेकिन एक ही दिन में कई फेरे लगा सकती है इसलिए ईंधन की लागत और टिकटों की कीमत यह तय करती है कि किस गति पर उड़ना एयरलाइन के लिए फायदेमंद होगा.
सबसे तेज गति से उड़नेवाला फ़ाइटर एयरक्राफ़्ट MiG 25 (फोटो ऊपर) है. इसकी अधिकतम गति Mach 3.2 (2,450 मील या 4,000 किलोमीटर प्रति घंटा) है. इसके पाइलट्स को Mach 2.8 से ऊपर जाने की अनुमति नहीं थी क्योंकि इंजन के बहुत गर्म होकर जलने का खतरा था. लेकिन सबसे तेज गति के विमान का रिकॉर्ड X-15 के नाम है. यह एक प्रायोगिक हाइपरसॉनिक रॉकेट इंजन युक्त विमान था जिसकी अधिकतम गति Mach 6.72 (5,150 मील या 8,300 किलोमीटर प्रति घंटा) थी. (featured image)
बहुत ही अच्छी जानकारी है……..
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