31 जनवरी को पड़नेवाला दुर्लभ ‘सुपर ब्लू बल्ड मून’ चंद्र-ग्रहण देखना न भूलें

रात्रि आकाश का अध्ययन करने में रूचि लेने वालों के लिए जनवरी, 2018 बहुत विशेष महीना है. इस महीने में पहली बार तीन चंद्र घटनाएं एक साथ होने जा रही हैं. वे हैंः 1. ब्लू मून, 2. पूर्ण चंद्र-ग्रहण, और 3. सुपरमून. इन तीनों घटनाओं का एक ही महीने में घटित होना दुर्लभ संयोग है. ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार ही होता है. कहा जाता है कि ऐसी पिछली घटना लगभग 150 वर्ष पहले 31-मार्च-1866 के दिन हुई थी.

आप सोच रहे होंगे कि ब्लू मून क्या बला है. दरअसल जब एक ही महीने में दो पूर्णिमा पड़ती हैं तो उसे ब्लू मून कहते हैं. चंद्र-ग्रहण तब पड़ता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है. सुपरमून तब घटित होते हैं जब चंद्रमा की पेरिजी (perigee, चंद्रमा की कक्षा का वह बिंदु जिस पर वह पृथ्‍वी से निकटतम होता है). इस बार सुपरमून चंद्र-ग्रहण के दिन ही पड़ रहा है.

भारत में इस वर्ष 2 जनवरी को पूर्णिमा थी. वर्ष की दूसरी पूर्णिमा 31 जनवरी को पड़ेगी. सुपरमून की इस घटना का तकनीकी रूप से आरंभ 30 जनवरी की रात को होगा, हालांकि उस रात चंद्रमा अपनी पूर्णता पर नहीं होगा लेकिन नासा इस घटना को सुपरमून कहने का निर्णय ले चुकी है. सुपरमून की इस घटना में चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम (3.56 लाख किलोमीटर दूर) होगा और लगभग 14% बड़ा और लगभग 40% अधिक चमकदार दिखेगा.

ब्लड मून किसे कहते हैं? यद्यपि ब्लड मून वैज्ञानिक शब्दावली का शब्द नहीं है लेकिन इस शब्द-युग्म का उपयोग बाइबल और पॉप कल्चर में कई बार किया गया है. ब्लड मून की घटना में चंद्रमा पूर्ण ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी की अम्ब्रा (पृथ्वी की छाया का गहरा केंद्रीय भाग) से होकर गुजरता है.

आमतौर से पूर्ण चंद्र-ग्रहण की घटना में भी चंद्रमा पूरी तरह से काला नहीं होता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य का कुछ प्रकाश पृथ्वी के वातावरण से होते हुए चंद्रमा की सतह तक परोक्ष रूप से पहुंचता रहता है. पूर्ण चंद्र-ग्रहण के दौरान चंद्रमा के लाल दिखने के कारण इसे ब्लड मून कहते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस घटना में चंद्रमा का रंग गहरे भूरे से लेकर गहरा लाल तक हो सकता है और यह प्रदूषण के स्तर और वातावरण में नमी की उपस्तिथि पर निर्भर करता है.

भारत में पूर्ण चंद्र-ग्रहण का प्रारंभ शाम को 4:21 पर होगा. 6:21 बजे यह अपनी पूर्णता पर होगा और घटते-घटते रात को 8:41 बजे तक समाप्त हो जाएगा. इस दुर्लभ घटना को देखने के लिए आप अपने नगर के प्लेनेटेरियम या साइंस सेंटर पर जा सकते हैं. यदि आपके नगर में ये न हों तो खगोलशास्त्र में रुचि लेने वालों के साथ भी देख सकते हैं. हालांकि चंद्र-ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकता है लेकिन साइंस सेंटर या प्लेनेटेरियम में आप इसे उनकी दूरबीनों से भी देख सकते हैं. (featured image)

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