चलिए हम सबसे सरल और संक्षिप्त रूप से यह जानने का प्रयास करेंगे कि प्रथम और द्वितीय विश्य युद्ध क्यों हुए. मैं अनावश्यक डीटेल्स में जाने से बचते हुए इस तरह से समझाऊंगा कि इतिहास की जानकारी नहीं रखनेवाले आम आदमी को भी यह समझ में आ जाएगा.
प्रथम विश्वयुद्ध : सर्बिया के एक राष्ट्रवादी युवक ने ऑस्ट्रिया के आर्कड्यूक (राष्ट्राध्यक्ष) की हत्या कर दी. उन दिनों यूरोप के कई देशों की एक-दूसरे के साथ संधियां थीं कि यदि कोई एक देश को नुकसान पहुंचाएगा तो दूसरे देश उसकी सहायता करेंगे.
रूस और सर्बिया एक दूसरे के सहयोगी थे. रूस युद्ध में तब उतरा जब ऑस्ट्रिया ने अपने राष्ट्राध्यक्ष की हत्या हो जाने पर हंगरी के साथ मिलकर सर्बिया पर आक्रमण कर दिया. यूरोप के अधिकांश देश अपने मित्र देशों का साथ देने के लिए एक-के-बाद एक युद्ध में उतरते गए.
दो विश्व युद्धों के बीच वार्साय की संधि (Treaty Of Versailles) हुई जिसमें जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए विवश किया गया. इसके परिणामस्वरूप जर्मनी की आर्थिक हालत बिगड़ती गई.
द्वितीय विश्व युद्ध : 1930 के दशक में जापान आक्रामक होता जा रहा था. इटली में फासिस्ट शासक मुसोलिनी और जर्मनी में हिटलर प्रथम विश्व युद्ध में हुई अपमानजनक हार का बदला लेना चाहते थे. प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप की राजनीतिक दशा बिगड़ती जा रही थी और कई देशों ने हिटलर का तुष्टीकरण किया क्योंकि वह वार्साय की संधि की शर्तों को नजरअंदाज करते हुए अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहता था.
लेकिन सारे देश तब चौंक गए जब हिटलर ने पोलैंड पर आक्रमण कर दिया. जर्मनी को इटली और जापान का साथ मिल गया और बाकी देश युद्ध में कूदते गए.
पहला युद्ध एक देश के आर्कड्यूक की हत्या से शुरु हुआ और दूसरा युद्ध इसलिए शुरु हुआ कि पहले युद्ध में हारनेवाली शक्तियां भीतर-ही-भीतर उबल रही थीं.
जैसा एल्काट्राज डे ने क्वोरा पर बताया. (featured image)