थॉमस एडीसन (Thomas Edison) का मानना था कि हमें DC विद्युत का उपयोग करना चाहिए. निकोला टेसला (Nikola Tesla) का मानना था कि हमें AC विद्युत का उपयोग करना चाहिए. दोनों के बीच इसे लेकर बहुत कठोर प्रतिस्पर्धा हुई. एडीसन ने तो जनता को AC विद्युत के खतरे बताने के लिए एक हाथी को भी सरेआम करेंट लगवाकर मार डाला. लेकिन अंत में जीत टेसला की ही हुई और आज हम सब अपने घरों में AC विद्युत का ही उपयोग करते हैं.
AC विद्युत उपयोग करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि इसमें वोल्टेज को ट्रांसफॉर्मर के द्वारा आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है. हाई वोल्टेज को लंबी दूरी तक भेजने में विद्युत की हानि कम होती है और फिर हम वोल्टेज को अपने घरों में सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए घटा सकते हैं. एडीसन का यह विचार बहुत बेतुका था हमें विद्युत को टॉवरों और खंभों के जरिए हर जगह भेजने के स्थान पर हर गली-मोहल्ले में कोयले से चलनेवाले जनरेटर लगाने चाहिए.
हमें टेसला को उसके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहिए. यह टेसला का ही विचार था कि हमें विद्युत को शहर के बाहर किसी संयंत्र में बनाकर हाई-टेंशन लाइनों के द्वारा दूर-दूर तक भेजना चाहिए.
इसका गणित इस प्रकार है: यदि हम तार में होनेवाली विद्युत की हानि को L मान लें तो L= (I^2)R, जहां L ऊष्मा के कारण होनेवाली विद्युत की हानि है, I करेंट है और R प्रतिरोध है. प्रेषित की गई विद्युत है P = VI, जहां P ग्राहक को भेजी गई विद्युत है और V वोल्टेज है. ऐसे में यदि V को अधिक और I को कम कर दें तो हम ऊष्मा से होनेवाली हानि को कम करके उतनी ही विद्युत भेज सकते हैं. इस प्रकार हाई-वोल्टेज हमें सबसे अधिक लाभ पहुंचाता है.
हालांकि हाई-वोल्टेज की सप्लाई DC द्वारा भी की जा सकती है लेकिन पुराने जमाने में उस विद्युत के वोल्टेज को कम करके घरों में उपयोग करने का कोई आसान साधन नहीं था. इन दिनों हमारे पास बहुत अच्छे DC विद्युत कनवर्टर हैं इसलिए लंबी दूरी की अधिकांश विद्युत संचार लाइनें DC विद्युत भेजती हैं. इनका लाभ यह है कि इनके उच्च वोल्टेज का मान कम होता है (क्योंकि इनका सिग्नल दोलन नहीं करता) और वे AC विद्युत के अस्थिर चुंबकीय क्षेत्र के कारण भंवर-धाराएं (eddy-current) बनाकर भूमि में विद्युत की हानि नहीं करतीं. (image credit)