खगोलशास्त्री ऐडम रीस (Adam Reiss) ने यह प्रमाणित किया कि हमारा ब्रह्मांड 74.2 किलोमीटर प्रति सेकंड प्रति मेगा पारसेक की गति से फैल रहा है. इस तथ्य के प्रमाणीकरण के लिए उन्हें 2011 का भौतिकी का नोबल पुरस्कार दिया गया.
एक मेगा पारसेक में एक मिलियन पारसेक होते हैं. मेगा उपसर्ग दस लाख की संख्या के लिए प्रयुक्त किया जाता है. एक पारसेक लगभग 3.3 प्रकाश वर्ष का होता है. एक पारसेक में 3.086e+19 किलोमीटर होते हैं. यह बहुत बड़ी संख्या है. मेगा पारसेक को संक्षेप में Mpc कहते हैं.
कुछ गणना करने पर पता चलता है कि एक मेगा पारसेक में 3,26,15,63.7 प्रकाश वर्ष होते हैं और इतनी दूरी में ब्रह्मांड के फैलने की दर 74.2 किलोमीटर प्रति सेकंड बढ़ जाती है.
हम यह मानते हैं कि ब्रह्मांड की त्रिज्या लगभग 46 अरब प्रकाश वर्ष या 14103.6 मेगा पारसेक है. गणितीय कलन करने पर पता चलता है कि ब्रह्मांड का सबसे बाहरी भाग 14,103.6 x 74.2 किमी = 10,46,487 किमी प्रति सेकंड मेगा पारसेक की गति से हमसे दूर जा रहा है.
प्रकाश की गति 3,00,000 किलोमीटर प्रति सेकंड है. अर्थात ब्रह्मांड का सबसे बाहरी भाग प्रकाश की गति से भी 3.5 गुना अधिक गति से हमसे दूर जा रहा है.
लेकिन बिग बैंग और कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन के आधार पर हम यह मानते हैं कि ब्रह्मांड केवल 13.75 अरब वर्ष पुराना है. 13.75 अरब प्रकाश वर्ष के बाद क्या है हमें उसकी कोई जानकारी नहीं है.
13.75 अरब प्रकाश वर्ष में 4215.7 मेगा पारसेक होते हैं. इस दूरी पर ब्रह्मांड के विस्तारित होनेकी दर प्रकाश की गति की 1.044 गुना होगी.
इससे यह स्पष्ट होता है कि 13.75 अरब प्रकाश वर्ष की सीमा के भीतर जो कुछ भी है वह प्रकाश की गति से कम गति पर विस्तारित हो रहा है. अर्थात हमारे दृश्य ब्रह्मांड का लगभग 95.78% भाग प्रकाश की गति से कम गति से विस्तारित हो रहा है.
यही कारण है कि रात्रि के आकाश में हम इतने सारे तारे, नक्षत्र, और मंदाकिनियां देख पाते हैं.
टेलीस्कोप से हम उन मंदाकिनियों को देख सकते हैं जो प्रकाश की गति से भी अधिक गति से हमसे दूर जा रही हैं लेकिन हम उन फोटॉन्स को देख रहे हैं जो उन्होंने अरबों वर्ष पहले उत्सर्जित किए जब वे हमारे समीप थीं और प्रकाश की गति या उससे भी अधिक गति से हमसे दूर नहीं जा रही थीं. (image credit)