नंगी आंखों से आप यदि काली अंधेरी रात में आकाश को देखें तो 4 या 5 ग्रहों के अतिरिक्त आप जो कुछ भी देखते हैं वे सब हमारी आकाशगंगा के तारे ही होते हैं. यदि आप भाग्यशाली हैं तो आपको देवयानी नक्षत्र (Andromeda constellation) में ऐंड्रोमेडा मंदाकिनी दिख सकती है जिसे M31 (Messier 31) मंदाकिनी भी कहा जाता है.
नीचे चित्र में आप तीर के निशान पर ऐंड्रोमेडा मंदाकिनी को देख सकते हैं. यह फोटो एक शौकिया नक्षत्रविज्ञानी ने किसी दूरबीन से नहीं बल्कि ट्राइपॉड पर कैमरा लगाकर लिया गया है.
ऐंड्रोमेडा मंदाकिनी हमारी सबसे निकटतम मंदाकिनी है और यह हमसे लगभग 25 लाख प्रकाश वर्ष दूर है. जब हम नंगी आंखों से इस मंदाकिनी को बड़ी कठिनता से देख सकते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हमारी अपनी आकाशगंगा के बाहर स्थित किसी दूसरी मंदाकिनी के तारे को देख सकता वाकई बहुत कठिन है.
नंगी आंखों से हम सबसे दूर स्थित जिस तारे को देख सकते हैं उसका नाम रो कैसियोपिया (Rho Cassiopeiae) है जो हमसे केवल 8,000 प्रकाश वर्ष दूर है. इसे देख पाना इसलिए संभव है कि यह सूर्य से लगभग 5 लाख गुना अधिक चमकदार है. यह एक तथाकथित पीला हाइपरजॉइंट तारा है.
8,000 प्रकाश वर्ष अपने आप में बहुत बड़ी दूरी है लेकिन यदि हम अपनी आकाशगंगा के स्तर पर सोचें तो यह दूरी नगण्य है. हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के केंद्र से लगभग 30,000 किलोमीटर दूर है. सौरमंडल से किसी भी दिशा में 8,000 प्रकाश वर्ष की दूरी में जो कुछ भी है वह हमारी आकाशगंगा के भीतर ही है.
यही कारण है कि हम किसी बड़े टेलीस्कोप के बिना आकाशगंगा के बाहर स्थित तारे नहीं देख सकते.
बड़े टेलीस्कोप की सहायता से हम बहुत कुछ देख सकते हैं. सबसे दूर स्थित जिस संभावित तारे SDSS J1229+1122 को हम दूरबीन से देख सकते हैं वह एक नीला सुपरजॉइंट तारा है जो एक बौनी मंदाकिनी की पूंछ में देखा जा सकता है. इस तारे की प्रकृति के बारे में अभी भी हमारे पास प्रामाणिक जानकारी नहीं है. हो सकता है कि यह कुछ तारों का समूह या क्लस्टर हो या कुछ और हो लेकिन यह बात पक्की है कि यह हमारी आकाशगंगा के बाहर है.
लेकिन कुछ ऐसे तारे भी हैं जो मंदाकिनियों के बीच स्थित हैं. इनकी संख्या बहुत कम है. कुछ ऐसे ग्लोबूलर क्लस्टर भी होते हैं जो मंदाकिनियों की परिक्रमा करते हैं. देखने में लगता है कि ये मंदाकिनियों के बाहर हैं लेकिन अनेक खगोलशास्त्री मानते हैं कि ये टेकनीकली मंदाकिनियों के ही भाग हैं.
इसके अलावा हमारी आकाशगंगा की दो सैटेलाइट मंदाकिनियां भी हैं जिन्हें मेजेलेनिक क्लाउड्स (Magellanic Clouds) कहते हैं. ये दोनों मंदाकिनियां हमारी आकाशगंगा के बाहर हैं. हम इनमें स्थित तारे तो नहीं देख सकते लेकिन उन तारों का सामूहिक धुंधला प्रकाश देख सकते हैं. मेजेलेनिक क्लाउड्स के तारों को किसी बड़े टेलीस्कोप के बिना भी देख सकते हैं. किसी छोटे टेलीस्कोप या अच्छी क्वालिटी के बाइनोकुलर्स से हम इसके तारों, नेबुला (गैस के बादल) और बीच में स्थित ग्लोबुलर क्लस्टर्स को भी देख सकते हैं. (image credit)