ऊपर फोटो में दिख रहे तीन सोवियत अंतरिक्ष यात्री जियोर्जी दोब्रोवोल्स्की (Georgi Dobrovolski, left), व्लादिस्लाव वोल्वोक (Vladislav Volkov, right) और विक्तोर पात्सायेव (Viktor Patsayev, back) अब तक अंतरिक्ष में मरनेवाले पहले तीन व्यक्ति हैं.
उनकी मृत्यु 1971 में तब हुई जब सोयूज़-11 मिशन की समाप्ति के आखिरी मिनटों में पृथ्वी पर वापस आते वक्त उनके केबिन प्रेशर को संतुलित रखनेवाला वाल्व समय से पहले ही खुल गया. वे लगभग दस मिनट के लिए निर्वात में रहे और उनकी मृत्यु कुछ ही सेकंडों में एक साथ हो गई. ऑटोमेटिक प्रणाली ने उनके यान को पृथ्वी पर सकुशल उतार दिया. रिकवरी टीम को यह पता भी नहीं था कि वे मर चुके हैं. वे अपनी कुर्सियों में बंधे मिले और उनके चेहरे ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण नीले हो चुके थे, उनके नाक और कान से खून भी निकल रहा था. यह त्रासदी तब घटी जब उनका यान पृथ्वी से 168 किलोमीटर (104 मील) ऊपर था.
इससे पहले 1967 में व्लादिमीर कोमारोव (Vladimir Komarov) की मृत्यु सोयूज़-1 मिशन के दोरान लैंडिंग के समय हो गई क्योंकि सोयूज़-1 के शूट्स खुल नहीं पाए. अपोलो-1 के लांचपैड पर आग लगने के कारण गस ग्रिसोम (Gus Grissom), एड व्हाइट (Ed White), और रोज़र चैफ़ी (Roger Chaffee) की मृत्यु हो गई थी लेकिन ये सभी पृथ्वी के धरातल पर थे. 1986 में स्पेस शटल चैलेंजर को छोड़ते समय हुए धमाके में और 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय भी दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हुई है लेकिन इन्हें अंतरिक्ष की सीमारेखा निर्धारित करनेवाली कारमेन लाइन (Karman line) की सीमा के भीतर होने के कारण अंतरिक्ष में हुई मृत्यु नहीं माना जाता.