चतुराई भरी चाल चलकर शत्रु को चकमा देने की यह बहुत रोचक घटना लगभग 1800 वर्ष पहले सन् 208 में चीन में तीन साम्राज्यों के काल में घटी. दो बहुत बड़ी सेनाओं के बीच युद्ध होने ही वाला था और वे चीन की यांग्त्सी नदी के किनारों पर डटी हुई थीं. तब एक राज्य के राजा ने जनरल झूग लियांग (Zhuge Liang) को मात्र दो दिन में एक लाख तीर तैयार करने का असंभव सा प्रतीत होने वाला काम दे दिया.
मात्र दो दिनों में एक लाख तीर किसी भी हालत में नहीं बनाए जा सकते थे. वे सभी अपने नगरों से बहुत दूर थे और आसपास तीर बनाने के लिए कुछ भी नहीं था. झूग लियांग ने बहुत सोचविचार किया और एक योजना बनाई. उसने अनेक बड़ी नौकाओं पर हर तरफ बहुत सारा भूसा और पुआल बंधवा दिया. रात के कोहरा भरे अंधेरे में उसके सैनिक नावों के भीतरी भागों में सुरक्षित छुपकर नावों को खे कर शत्रु के बहुत करीब ले आए. उन्होंने अपनी नौकाओं को नदी के समानांतर टिका दिया. फिर उन्होंने हमला करने की सूचना देनेवाले ड्रम, नगाड़े बजाकर शोर किया.
शोर सुनकर शत्रु सेना के सैनिकों को लगा कि शत्रु ने रात के अंधेरे का लाभ उठाकर सरप्राइज़ अटैक कर दिया है. उनके पास अपनी नौकाएं खोलने का समय नहीं था. वे भागकर नदी के किनारे पर जमा हो गए और उन्होंने झूग लियांग की नौकाओं पर हजारों तीरों की बौछार कर दी. ये सभी तीर नौकाओं पर लगे घास-पूस के ढेरों में धंसते गए. जब नौकाएं तीरों के बोझ से दबने लगीं तो झूग लियांग ने उन्हें वापस किनारे पर लौटने के लिए आदेश दिया. झूग लियांग को इस चालाकी से एक लाख से भी अधिक तीर मिल गए लेकिन उसे इस बात की अधिक खुशी थी कि ये तीर शत्रु सेना के थे.
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