क्या आप हैरियट टबमैन के बारे में जानते हैं?

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) एक महान देश है. इस देश ने अपने 200 वर्षों के इतिहास में अनेक महानायक उत्पन्न किए. महानतम राजनयिकों, विचारकों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों और कलाकारों आदि ने अमेरिका की भूमि पर अपने विचारों और कार्यों से पूरी मानव जाति को समृद्ध किया. किशोरावस्था से ही मैं अनेक अमेरिकी व्यक्तित्वों से प्रभावित रहा जिनमें जॉर्ज वाशिंगटन, अब्राहम लिंकन, निकोला टेस्ला, मार्क ट्वेन, हेलेन केलर, एंसेल एडम्स, चार्ली चैपलिन, फ्रेंक सिनाट्रा, लुइस आर्मस्ट्रांग, हेनरी फोर्ड, वाल्ट डिज़्नी, थॉमस अल्वा एडीसन, एंडी वार्होल, जैकसन पोलॉक, जेम्स व्हिस्लर, फ्रेंक लॉयड राइट, नील आर्मस्ट्रांग, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, विलियम फॉकनर, अर्नेस्ट हैमिंग्वे, एल्विस प्रेस्ले, बॉब डायलन, माइकल जैकसन, और मुहम्मद अली ने सर्वाधिक प्रभावित किया.

लेकिन एक दिन मैंने इंटरनेट पर अफ्रीकन-अमेरिकन महिला हैरियट टबमैन के बारे में पढ़ा और यह महसूस किया कि हैरियट का नाम न केवल अमेरिका बल्कि विश्व की महानतम महिलाओं में शामिल होना चाहिए. हैरियट का जन्म 1822 में जन्मजात दास के रूप में हुआ था पर उन्होंने अनगिनत व्यक्तियों को दासता के चंगुल से बाहर निकाला. हैरियट के जीवन के कुछ रोचक तथ्य मैं आपको बताने जा रहा हूं, जिन्हें पढ़कर आपको भी यह प्रतीत होगा कि लगभग 200 वर्ष पहले के संयुक्त राज्य अमेरिका में उन्होंने कितना कठिन जीवन जिया और कितना महान कार्य कियाः

  • हैरियट का जन्म दास के रूप में वर्ष 1822 में डॉर्चेस्टर काउंटी, मेरीलैंड में हुआ था.
  • उनके अनेक स्वामियों ने उन्हे कई बार बुरी तरह चाबुकों से मारकर सज़ा दी.
  • एक बार उनके एक स्वामी ने किसी दूसरे दास को एक भारी बांट फेंककर मारना चाहा लेकिन वह बांट हैरियट के सर में जा लगा. इस चोट से उन्हें आजीवन सर दर्द, चक्कर आना, और बेहोशी के दौरे आते रहे.
  • वर्ष 1849 में हैरियट दासता से निकल भागीं.
  • रात में चोरी-छुपे आकर उन्होंने अपने परिवार के बाकी सदस्यों को मुक्त कराया.
  • उन्होंने गुप्त रहकर 13 बार में सैंकड़ों दासों को मुक्त कराया. उन दासों के स्वामियों ने हैरियट के सर पर ईनाम घोषित किया लेकिन वह कभी पकड़ी नहीं गईं.
  • अमेरिकी सिविल वार में हैरियट ने कुक, नर्स, बंदूकधारी स्काउट, और जासूस की भूमिका निभाई.
  • उन्होंने कोम्बाही नौका पर धावा बोला और 700 दासों को आजाद करया. यह इतने बड़े पैमाने पर दासों को छुड़ानेवाला पहला सशस्त्र हमला था जिसका नेतृत्व किसी महिला ने किया था. उन दासों में से कई ने हैरियट के साथ यूनियन आर्मी ज्वाइन कर ली.
  • सिविल वार के बाद वह नीग्रो सफ़रेज आंदोलन से जुड़ गईं और उसके बाद वुमेन सफ़रेज आंदोलन में शामिल हो गईं.
  • उन्होंने असहाय और वृद्ध ‘कलर्ड’ लोगों के लिए आश्रम की स्थापना की.
  • उन्होंने अपनी सारी जमा-पूंजी काले लोगों के जनकल्याण पर लगा दी. उनका निधन गरीबी में अपने ही बनाए आश्रम में हुआ.
  • हैरियट ने इतना कुछ तब किया जबकि वे सर के गहरे जख्म के कारण स्थाई डिसेबलिटी से ग्रस्त थीं.
  • पिछले साल ही अमेरिकी सरकार ने उनके सम्मान में 20 डॉलर के नोट के सामनेवाले हिस्से पर उनका चित्र छापने का निर्णय लिया. (image credit)

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