डेनमार्क के रिसर्च करनेवालों ने दुनिया का एक नक्शा बनाया जिसमें यह दिखाने का प्रयास किया गया कि यदि मनुष्यों का विकास नहीं होता तो पृथ्वी वर्तमान में कैसी दिखती. इसमें उन्होंने क्षेत्रवार बताया कि मनुष्यों की गैरमौजूदगी में पूरी पृथ्वी पर बड़े स्तनपायी प्राणियों की संख्या अत्यधिक होती और उनका दबदबा होता. इस रिसर्च के बारे में विस्तार से आप दी गई लिंक में पढ़ सकते हैं. What the world would look like without humans
ऐसी स्थिति में पृथ्वी के महासागरों में जीव-जंतुओं की प्रजातियों में बहुत अधिक विविधता दिखती. एक अनुमान के मुताबिक साल भर में समुद्र से 0.97-2.7 ट्रिलियन मछलियां पकड़ी जाती हैं. इतनी बड़ी तादाद में मछलियों के शिकार से हजारों प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं.
मनुष्य नहीं होते तो हमारी पृथ्वी कल्पना से भी अधिक हरी-भरी होती. मनुष्य साल भर में लगभग 3 से 6 अरब पेड़ों को काट रहे हैं. इन पेड़ों के कटने से पूरी पृथ्वी के पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है. सैंकड़ों वन्यजीवों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं. हमारे प्राथमिक वनों में पेड़ों का घनत्व 50,000 वृक्ष प्रति वर्ग किलोमीटर से भी कम हो गया है. पृथ्वी का क्षेत्रफल लगभग 51 करोड़ वर्ग किलोमीटर है, इसकी तुलना में हम प्रतिवर्ष केवल औसतन 80,000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर ही वृक्षारोपण कर रहे हैं. यह न-के-बराबर है. यहां इस रोचक तथ्य को भी जानना ज़रूरी है कि पृथ्वी के 71% भाग पर पानी है इसलिए हम वास्तव में पृथ्वी के केवल 0.0220890132% भाग को ही हरियाली सौंप रहे हैं. इसके भयंकर परिणाम हमें आनेवाले दशकों में दिखने लगेंगे. (image credit)