हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना होने पर भी पानी में आग क्यों नहीं लगती?

हम सभी जानते हैं कि हाइड्रोजन अत्यंत ज्वलनशील गैस है और ऑक्सीजन जलने में सहायक होती है. पानी के अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु होता है. इस प्रकार पानी को भी पेट्रोल की भांति अत्यंत ज्वलनशील होना चाहिए, लेकिन पानी आग बुझाने का काम करता है. ऐसा क्यों होता है?

असल में “जलना” एक प्रकार की रासायनिक क्रिया है जिसमें जलनेवाला पदार्थ ऑक्सीजन से संयुक्त होता है और इस प्रक्रिया में ऊष्मा और प्रकाश के रूप में ऊर्जा निकलती है. जब हम कोई वस्तु जलाते हैं तो जलने के बाद जो ठोस अवशेष बचता है उसे हम सामान्यतः “राख” कहते हैं. लेकिन चीजों को जलाने पर हमेशा ही राख नहीं बनती. जब कोई चीज़ जलती है तो उसका बहुत बड़ा भाग धुंए और गैसों के रूप में वायुमंडल में फैल जाता है. यदि राख के रूप में कुछ अवशेष बचता है तो वह और अधिक नहीं जलता क्योंकि जल चुका पदार्थ (ईंधन) और ऑक्सीजन पूरी तरह से संयुक्त हो चुके हैं. जल सकनेवाला पदार्थ पूरी तरह समाप्त हो गया है और ऑक्सीजन के अणु-परमाणु राख में इस रूप में संयुक्त हो गए हैं कि वे जलने की क्रिया को और अधिक सपोर्ट नहीं कर सकते.

हाइड्रोजन का प्रयोग रॉकेटों में ईंधन के रूप में किया जाता है. इसे सिलेंडरों में द्रव रूप में भरा जाता है, जहां इन्हें द्रव ऑक्सीजन के साथ नियंत्रित तरीके से जलाया जाता है. इन दोनों के संयुक्त रूप से जलने पर भयानक तेजी से आग लगती है जिसे हम राकेट की पूंछ से निकलता देखते हैं. इन दोनों के साथ में जलने पर जो “राख” निकलती है वही हमारा “पानी” है. यह पानी रॉकेट की पूंछ से भाप के रूप में निकलता है. सफेद धुंए के घने बादल जैसी भाप रॉकेट या स्पेस शटल के मुख्य इंजनों से निकलती है.

इसीलिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बना होने के बाद भी पानी ज्वलनशील नहीं होता क्योंकि टेकनीकली यह हाइड्रोजन के जलने पर बची हुई राख ही है. पानी में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणु एक-दूसरे से इस प्रकार संयुक्त हो जाते हैं कि उन्हें सामान्य बलों द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता और न ही उनमें दोबारा दहन संभव है. पानी में मौजूद हाइड्रोजन को जलाने का एकमात्र उपाय यह है कि उसे पानी से निकालकर फिर से हाइड्रोजन गैस के रूप में एकत्र कर लिया जाए और ऑक्सीजन के साथ फिर से जलाया जाए. लेकिन इन दोनों प्रक्रियाओं में लगभग एक समान ऊर्जा ही लगेगी/मिलेगी इसलिए ऐसा करना व्यर्थ ही होगा. (image credit)

There are 3 comments

  1. sanjay sahu

    सर हमारे साथ एक घटना घटित हुआ जिसमें एक व्यक्ति द्वारा हवनकुण्ड में कपुर और काली मिर्च के उपर गंगोत्री का जल डालने से आग उत्पन्न हुआ यह किस कारण एेसा हुआ या फिर अध्यात्म है या रसायनिक संपर्क

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