नासा ने हाल ही में 40 प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी जैसे 7 ग्रह खोज निकाले हैं. क्या हम कभी उन पहुंच सकेंगे? हम उन तक कब पहुंचेंगे?
मेरा अनुमान है कि लगभग 200 वर्षों में हम दूसरे तारामंडलों की यात्राएं करने लगेंगे. इसके बाद उन ग्रहों तक पहुंचने में हमें लगभग 500 वर्ष लग जाएंगे.
उन ग्रहों तक मनुष्यों को भेजना बहुत कठिन कार्य होगा. हमें ऐसे अंतरिक्ष यान का निर्माण करना होगा जिनमें मनुष्य कई शताब्दियों तक जीवित रह सकें. यह बहुत कठिन है लेकिन असंभव नहीं है. ऐसे अंतरिक्ष यान बना लेने के बाद हमें उन लोगों को खोजना होगा जो अपना पूरा जीवन अंतरिक्ष यान में बिताते हुए उस ग्रह की यात्रा पर निकलें जिसे वे कभी देख भी नहीं पाएंगे – केवल अनकी भाव पीढ़ियां ही उन ग्रहों तक पहुंच पाएंगी.
इस काम में इतनी अधिक दिक्कतें हैं कि मनुष्यों को भेजने के स्थान पर हमें या तो बुद्धिमान मशीनों (रोबोट्स) को या शीतनिद्रित (hibernating) मनुष्यों या दोनों को एक साथ ही भेजना होगा. निकट भविष्य में तो ऐसा होने की संभावना कम ही है लेकिन 200 वर्षों के भीतर यह संभव और सरल हो जाना चाहिए.
मेरा अनुमान है कि बुद्धिमान मशीनें या रोबोट्स सबसे पहली अंतःतारकीय यात्राएं करेंगीं. हम बहुत छोटी और अपेक्षाकृत कम जटिल मशीनें भेजेंगे जो बहुत हल्की होंगी और उच्च गति पर भेजी जा सकेंगी. ये मशीनें लगभग 150 वर्षों में वहां पहुंचकर अपना काम करने लगेंगीं. वे कच्चे माल के लिए स्थानीय पर्यावरण का दोहन करेंगीं और उनता उपयोग फैक्टरियां और रोबोट्स बनाने में करेंगीं. इस प्रकार वे आगे आनेवाले मनुष्यों के लिए आवास और अनुकूल वातावरण का निर्माण करेंगीं.
मनुष्यों को प्रशीतित करके या प्रशीतित भ्रूणों के रूप में भेजा जाएगा जिन्हें मशीनें विकसित करेंगीं. उन्हें वहां पहुंचने में अपेक्षाकृत अधिक समय लगेगा क्योंकि उनका मामला अधिक जटिल होगा, लेकिन 500 वर्षों के भीतर वे नई दुनिया बसाने में सक्षम होंगे. (image credit)