बेहतरीन लाइफ़-हैक्स केवल आपके फ़ोन की कोई छुपी हुई सेटिंग या ड्राइविंग की कोई अनूठी टिप्स जैसे ही नहीं होते. जीवन में सबसे कारगर साबित होने वाले लाइफ़-हैक्स अामतौर पर अमूर्त (एब्सट्रैक्ट) होते हैं. ये किसी विचार या योजना की तरह होते हैं जिन्हें जीवन में उतारने पर ही उनका प्रभाव स्पष्ट दिखता है.
आप जानना चाहेंगे कि इस तरह के मेरे कई लाइफ़-हैक्स में से सबसे अच्छा लाइफ़-हैक कौन सा है?
प्रतीक्षा करना… इंतज़ार करना.
आपके जीवन को प्रभावित कर सकने वाला कोई भी बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय लेने के पहले कम-से-कम 24 घंटे प्रतीक्षा करके हर पक्ष पर सोचविचार करना बहुत ज़रूरी है.
आपको नौकरी का ऑफ़र मिला है? तत्काल ही कोई निर्णय मत लीजिए. 24 घंटे तक इस पर विचार कीजिए. भावनाओं मे मत बहिए. नई नौकरी से जुड़े सारे पक्षों पर मनन कीजिए. नौकरी मिलना अपने आप में बड़ी बात है लेकिन यदि आपको यह नौकरी नहीं करनी है तो उसे तुरंत ही ठोकर मारने से बेहतर होगा कि एक दिन के लिए ठहरकर इस बारे में विचार कर लें.
नौकरी छूट गई? 24 घंटे तक ठहरकर इंतजार करें और यह सोचें कि यह क्यों हुआ… और अब आप आगे क्या करेंगे… आनन-फानन में अपने दोस्तों को कॉल करके उनसे नई नौकरी खोजने के लिए मत कहिए. थोड़ा रुकिए… क्या पता अगले 24 घंटों में आपको अपने अनुकूल कोई समाचार मिल जाए.
घर-परिवार में या किसी प्रिय व्यक्ति से कोई मतभेद या मनमुटाव हो गया? फौरन ही उनसे यह नहीं कह दें कि वे पूरी तरह गलत हैं. एक दिन के लिए इंतज़ार करें और सोचें कि जो कुछ भी हुआ उसमें कहीं आपकी भी तो कोई गलती नहीं थी. किसी भी व्यक्ति से संबंध तोड़ने में जल्दबाजी नहीं करें. किसी भी मनभेद को इस सीमा तक नहीं गहराने दें कि भविष्य में आपको अपनी गलती का अहसास होने पर भी गलती सुधारने का मौका नहीं मिले.
क्या आप अपनी पत्नी या बच्चों या आपके अधीन काम करनेवालों पर चिल्लाने जा रहे हैं? रुकिए! अपने परिजनों या कलीग्स के साथ संबंध बिगाड़ने के पहले 24 घंटे के लिए ठहरकर विचार करें… यह सोचें कि आप सबके साथ बैठकर मसले को किस तरह से सुलझा सकते हैं.
मेरी कही सारी बातों का सार यह है कि हम सभी अपने जीवन में क्षणिक आवेगों से संचालित होते हैं और भावनाओं के बहाव में किसी भी बात पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के कारण गलत निर्णय ले बैठते हैं. इन गलत निर्णयों के कारण जीवन कठिन हो जाता है, काम बिगड़ने लगते हैं, संबंधों में बिखराव आता है, धन-संपत्ति और स्वास्थ्य की हानि होती है, मानसिक कष्ट होता है.
तो जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण काम करने के पहले… अपने प्रियजन से नाता तोड़ने के पहले… अपने साथियों पर नाराज़गी ज़ाहिर करने के पहले… रुकें, इंतज़ार करें, सोचें.
ज़रा ठहरकर इंतज़ार करने का अर्थ यह नहीं है कि आपको हर हाल में लाभ ही होगा. हालातों का बनना और बिगड़ना बहुत सारे फैक्टर्स पर निर्भर करता है, लेकिन आपके भीतर इसका संतोष रहेगा कि आपने सारी बातों पर विचार किया और सुधार करने के लिए पर्याप्त प्रयास किया, और भविष्य में आपको इस बात का पछतावा नहीं होगा कि आपको धीरज से काम लेना चाहिए था.
आप यह कर सकते हैं. You can do it: you can wait!
Photo by Cynthia del Río on Unsplash
Nice post.
Gopal http://www.achhikhabar.com
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Very nice though..
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good article thought provoking
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Good thought.
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पुरानी आदतानुसार आज तो फटाफट अपनी टिप्पणी लिख दूं।
कल से धीरज रखूंगा।
24 घंटे सोचने के बाद टिप्पणी लिखूंगा… अगर लिख पाया तो…!
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सही कहा आपने पर कुछ परिस्थितियों में निर्णय त्वरित लेने पडते हैं
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