नहीं… क्योंकिः
अ. कोई चाकू कितना ही पैना क्यों न हो, उसकी धार किसी परमाणु की चौड़ाई जितनी नहीं हो सकती. और…
ब. यदि आपको किसी परमाणु की चौड़ाई जितनी धार वाला सुपर-चाकू मिल भी जाए तो वह परमाणु को काटने की बजाए किनारे धकेल देगा. और…
स. यदि हमारा सुपर-चाकू परमाणु को किसी तरह काट या तोड़ भी दे तो भी कुछ घटित नहीं होगा साग-सब्जियां मुख्यतः कार्बन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन से बनी होती हैं. इन हल्के तत्वों के टूटने पर यूरेनियम जैसे भारी तत्वों के परमाणु टूटने की तुलना में बहुत कम ऊर्जा उत्पन्न होती है. और…
द. मान लें कि कार्बन के परमाणु के टूटने पर भी उतनी ही ऊर्जा निकले जितनी यूरेनियम के परमाणु के टूटने पर निकलती है तो भी केवल एक परमाणु के टूटने से निकली ऊर्जा नगण्य है. नाभिकीय विस्फोट मुख्यतः चेन रिएक्शन होती है जिसमें विकराल संख्या में परमाणु टूटते हैं. एक परमाणु के टूटने पर बहुत कम ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो दूसरे परमाणुओं को तोड़ती है.
एक मेगाटन की क्षमता वाले परमाणु बम से 4.18 x 10^15 जूल्स ऊर्जा निकलती है. एक परमाणु के टूटने से निकलनेवाली ऊर्जा इसके सामने कुछ नहीं है. हीरोशिमा पर गिरनेवाले परमाणु बम की क्षमता 12 से 18 किलोटन थी. (image credit)