यदि हमें कोई उपयुक्त ब्लैक होल मिल जाए तो हम उसमें कैमरा भेज सकते हैं लेकिन हमें खींची गई तस्वीरें वापस नहीं मिलेंगीं.
किसी ब्लैक होल में क्या है यह जानने का एकमात्र तरीका यही है कि उसमें छलांग लगा दी जाए. गणनाओं के अनुसार हालांकि ब्लैक होल से बाहर स्थित घड़ी के अनुसार ब्लैक होल के भीतर जाने में अपिरिमित समय लगेगा लेकिन उसमें गिरनेवाले के हाथ में बंधी घड़ी सीमित और शुद्ध समय ही बताएगी. इस प्रकार आपको ब्लैक होल के भीतर घटने वाली हर घटना की जानकारी हो जाएगी, परंतु आप वह सब बाहर आकर किसी को बता नहीं पाओगे.
ब्लैक होल के भीतर क्या है, इसके बारे में हमारे पास स्पष्ट सैद्धांतिक जानकारी है. जनरल रिलेटिविटी पर छपनेवाली अधिकांश किताबों में इसके बारे में लिखा जा चुका है. अनेक प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिकविदों ने ब्लैक होल पर ही बहुत पॉपुलर किताबें लिखी हैं. मामला जटिल होने के कारण वह सब हिंदी में लिखना और पढ़ना सुविधाजनक नहीं है.
तो… फिलहाल तो हमें यही पता है कि ब्लैक होल के भीतर कैमरा भेजकर या फोटो खींचकर उसे बाहरी दुनिया में भेजने का कोई उपाय नहीं है. हम यह भी नहीं कह सकते कि ब्लैक होल में उस फोटो का क्या होगा. क्या वह लुप्त हो जाएगी? कैसे? (image credit)