सौ साल से भी पहले सं. रा. अमेरिका के महान उद्योगपति जॉन डी. रॉकफ़ेलर के स्वामित्व में स्टैंडर्ड ऑइल कंपनी विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक थी. एक दिन कंपनी में काम करनेवाले एक कर्मचारी ने एक गलत निर्णय ले लिया जिसके परिणामस्वरूप कंपनी को 20 लाख डॉलर का घाटा हो गया. उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में यह बहुत बड़ी रकम थी.
एडवर्ड बेडफ़ोर्ड इस कंपनी में पार्टनर थे. वे रॉकफ़ेलर से मिलने के लिए गए. रॉकफ़ेलर के ऑफ़िस में दाखिल होने पर उन्होंने देखा कि रॉकफ़ेलर टेबल पर झुके हुए एक पेपर पर कुछ लिखने में व्यस्त थे. बेडफ़ोर्ड को देखने पर रॉकफ़ेलर ने उनसे कहा, “तुम्हें कंपनी को हुए नुकसान के बारे में तो पता ही होगा? मैं भी इसी बारे में सोच रहा था, इसीलिए मैं उस कर्मचारी से मिलकर बात करने से पहले कुछ नोट्स बना रहा हूं.”
बेडफ़ोर्ड ने टेबल पर रखे पेपर पर एक निगाह डाली, जिसपर रॉकफ़ेलर नें नोट्स लिखे थे. पेपर के सबसे ऊपर शीर्षक लिखा था, “मिस्टर …………… के पक्ष में पॉइंट्स.” इसके नीचे उस कर्मचारी के गुणों की लंबी लिस्ट थी और यह भी लिखा था कि पहले तीन मौकों पर उसके द्वारा लिए गए निर्णयों से कंपनी को हालिया नुकसान से भी कई गुना लाभ हुआ था.
बेडफ़ोर्ड ने बाद में कहा, “यह सबक मैं कभी नहीं भूल सकता. बाद में कभी जब मुझे किसी व्यक्ति की गलती पर भरपूर क्रोध करने का अवसर मिला तो मैंने कुछ देर भलीभांति सोचविचार के उसकी सारी अच्छी बातों की ओर ध्यान दिया. इसका परिणाम हर बार यही हुआ कि उसकी अच्छाइयों की लिस्ट बनाते-बनाते मुझे सारी चीजें स्पष्ट दिखने लगीं और मेरा क्रोध कम हो गया. इस आदत ने न जाने कितनी ही बार मुझे किसी भी एक्ज़ीक्यूटिव द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी गलती करने से बचा लिया, ये गलती है ‘अपना आपा खोना’.
Photo by Glenn Carstens-Peters on Unsplash
आपा खो देना सबसे आसान और सबसे रद्दी विकल्प है।
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वैसे, आपा खो देने का ‘नाटक’ करना कई बार बहुत सोची समझी तकनीक का अंग है।
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लोगों में खूबियों की तलाश करें कमियों की नहीं ,क्रोध पर जीत हासिल करने का यह एक बेहतरीन विकल्प है।
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