चट्टान

“सबसे महान तलवारबाज़ कौन है?”, योद्धा शिष्य ने अपने गुरु से पूछा.

“तुम आश्रम के पास स्थित खेतों की ओर जाओ,” गुरु ने कहा, “वहां खेत में एक बड़ी चट्टान है. तुम उस तक जाओ और उसका अपमान करो.”

“लेकिन मैं ऐसा क्यों करूं?” योद्धा ने आश्चर्य से पूछा, “चट्टान मुझे कोई उत्तर नहीं देगी.”

“तब तुम उसपर अपनी तलवार से प्रहार करना,” गुरु ने कहा.

“लेकिन यह सब करने से क्या होगा?”, योद्धा ने कहा, “मेरी तलवार टूट जाएगी. यदि मैं चट्टान पर हाथों से प्रहार करूंगा तो मेरी उंगलियां चोटिल हो जाएंगी लेकिन चट्टान पर कुछ असर नहीं होगा. मैने तो आपसे विश्व के सबसे महान तलवारबाज़ के बारे में पूछा था?”

“महानतम तलवारबाज़ वह है जो उस चट्टान की भांति है,” गुरु ने कहा, “वह अपनी तलवार को म्यान से निकाले बिना ही यह दिखा देता है कि वह अपराजित है.”

There are 5 comments

  1. Kamlesh Maheshwari

    बहोत मर्म वाली बात – सबसे अच्छा तलवारबाज़ वह है जो उस चट्टान की भांति है,” गुरु ने कहा, “वह अपनी तलवार को म्यान से निकाले बिना ही यह दिखा देता है कि वह अपराजित है.”

    Liked by 1 व्यक्ति

टिप्पणी देने के लिए समुचित विकल्प चुनें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.