कहीं किसी किसान के पास बहुत बड़ा उद्यान था जिसमें अनेक फलदार वृक्ष लगे थे. इन वृक्षों में आम का एक वृक्ष फलहीन हो गया. इसमें आम आने बंद हो गए लेकिन अनेक पक्षियों ने इसपर अपने घोंसले बनाए थे.
किसान ने फलहीन वृक्ष को देखा और इसे काट देने का निश्चय कर लिया. वह अपनी कुल्हाड़ी लेकर उद्यान में आया और वृक्ष को काटने की तैयारी करने लगा.
वृक्ष पर बैठे पक्षियों ने किसान से वृक्ष को न काटने की प्रार्थना की. वे बोले, “इस वृक्ष को मत काटिए. यदि यह न रहा तो हमें किसी दूसरी जगह आसरा ढूंढना पड़ेगा. हमारे चले जाने पर आपको काम करते समय हमारी मधुर चहचहाहट भी सुनने को नहीं मिलेगी.”
लेकिन किसान ने उनकी एक न सुनी और कुल्हाड़ी से वृक्ष पर प्रहार करने लगा. कुछ प्रहार करने के बाद उसने पाया कि वृक्ष का तना खोखला था और उसमें शहद से लबालब मधुमक्खियां का एक विशाल छत्ता था.
इस खोज से किसान बहुत प्रसन्न हो गया. उसने कुल्हाड़ी किनारे रख दी और स्वयं से कहा, “यह तो बहुत उपयोगी वृक्ष है. इसे गिराने की कोई आवश्कता नहीं है.”
अधिकांश व्यक्ति इस किसान की ही भांति वस्तुओं की उपयोगिता आंकते हैं.
सुन्दर प्रेरणादायी कहानी स्वार्थ के लिए मानव कुछ भी कर सकता है लेकिन दूसरों के हित की नहीं सोच सकता
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main beauty is the beauty of inner hurt that see the beauty in garbage
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nice story! Thanks for sharing.
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intelligence is the ability of a person to adapt change
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