82 वर्षीय वांग त्सिंग अर्जेंटीना में रहते हैं और इस उम्र में भी युवाओं को चीनी मार्शल आर्ट “ताई ची” सिखाते हैं. ताई ची एक प्राचीन मार्शल आर्ट है, जिसमें अनेक शारीरिक क्रियाएं करते समय सांस पर नियंत्रण रखा जाता है.
वांग त्सिंग के एक शिष्य ने एक बार उनसे यह पूछा, “अन्य मार्शल आर्ट पद्धतियों की भांति ताई ची में योद्धा का स्तर प्रदर्शित करने के लिए रंगीन बेल्टों का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता.”
वांग ने उत्तर दिया, “यदि तुम्हारे पास धन हो तो तुम उसे हाथ में लेकर नहीं घूमते हो बल्कि उसे अपनी जेब में रखते हो. यदि तुम्हारे पास बहुत अधिक धन हो तो तुम उसे अपनी जेब में ठूंसकर नहीं रखते बल्कि तिजोरी या बैंक में रख देते हो.”
“सभी को प्रत्यक्ष दिखनेवाली बड़ी सी बेल्ट पहनकर घूमने में क्या तुक है? यह सबको बता देती है कि तुम्हारे कौशल की सीमा क्या है. प्रवीण योद्धा यह भलीभांति जानता है कि रणनीति अधिक महत्वपूर्ण है, प्रदर्शन नहीं.”
(पाउलो कोएलो के ब्लॉग से) (image credit)
मनुष्य के हुनर [ गुण ] उसके अन्दर होते हैं, उन्हें वह गले में लटकाकर नहीं घूमता …..
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sahamt
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very nice
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GYAAN MAHATVPOORN HAI DEGREE AUR CERTIFICATE NAHI
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सच है, दिखावे से बचना चाहिये।
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