अपनी ज़िंदगी को ‘रीसेट’ कीजिए

ज़िंदगी हमें हर समय किसी-न-किसी मोड़ पर उलझाती रहती है. हम अपने तयशुदा रास्ते से भटक जाते हैं और मंजिल आँखों से ओझल हो जाती है. ऐसे में मैं हमेशा से यही ख्वाहिश करता आया हूँ कि काश मेरे पास ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए कोई रीसेट बटन होता जैसा मोबाइल या कम्प्युटर में होता है, और ऐसा सोचनेवाला शायद मैं अकेला शख्स नहीं हूँ.

यकीनन, हमारे पास बीते समय में लौटने के लिए कोई टाइम मशीन नहीं है लेकिन कुछ तो ऐसा है जिससे हम अपने जीवन को रीसेट या रीबूट कर सकते हैं.

और ऐसा करने के लिए कोई खास दिन जैसे नया साल या जन्मदिन या और कोई किसी खास मौके की राह तकना वक़्त की बर्बादी ही होगी. आज यह पल ही वह सबसे बेहतर अवसर है जब हम अपने अतीत को पीछे छोड़कर एक नयी शुरुआत कर सकते हैं.

हमारी मुख्य समस्या यह है कि हम अपने नए लक्ष्यों के बारे में सोचकर उत्साहित तो बहुत हो जाते हैं लेकिन उन्हें जीवन में उतारने का लिए ज़रूरी मेहनत नहीं करते. फिर कुछ समय बीतते-बीतते हमें यह अहसास हो जाता है कि हम कुछ भी हासिल नहीं कर पाए. हम कहाँ चूक कर बैठे?

ऐसे में हमें इस बात को मन में बिठाना चाहिए कि कुछ हासिल करने के लिए मेहनत करने और अनुशासित रहने से भी ज़रूरी यह है कि हम भली-भांति सोच-विचार कर अपने लक्ष्य बनाएं. यदि हम अपनी सामाजिक हैसियत बढ़ाने (जैसे ज्यादा पैसा कमाने या नया सामान खरीदने) के लिए लक्ष्य बना रहे हैं तो शायद हमारा हौसला जल्द ही पस्त पड़ जाएगा क्योंकि हम इसे पूरे दिल से नहीं बनाते क्योंकि ये वे बातें हैं जो हम दूसरों को प्रभावित करने के लिए करना चाहते हैं.

इसलिए सबसे पहला चरण यह है कि हम अपने दिल के भीतर टटोलें और उस चीज़ की पहचान करें जो हमारे लिए सबसे कीमती है. और फिर उसे पाने के लिए आगे बढ़ें. सोचें कम, करें ज्यादा.

अपनी ज़िंदगी को रीसेट करने के लिए आप इन सुझावों को भी अपना सकते हैं:

स्वास्थ्य:-

बेहतर स्वास्थ्य की ओर: आज और इसी वक़्त से अपने खानपान की आदतों में सुधार कीजिये. यदि आपने शाकाहारी बनने या वीगन डाईट अपनाने का तय किया है तो इसे अमल में लाइए. प्रोसेस्ड फ़ूड, जंक फ़ूड, चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैंडी वगैरह को अपने आहार से बाहर कीजिये.

मास्टर क्लींजिंग आजमाइए: दस दिनों की डिटॉक्सीफिकेशन डाईट से आपका स्वास्थ्य रीबूट होगा और आपके आहार में बदलाव आएगा. मैं ऐसा तीन बार कर चुका हूँ. इससे शरीर और मन के बीच तादात्म्य स्थापित होता है. जब हमारी ऊर्जा भोजन को पचाने में खर्च नहीं होती है तो हमारा शरीर स्वयं को व्यवस्थित करने लगता है. उपवास करके देखिये और आप जान जायेंगे कि हम अपने समय का कितना बड़ा हिस्सा खाना बनाने और खाने में लगा देते हैं.

सरल-सहज जीवन:-

जंजाल से छुटकारा: अपने आसपास फैले सामान और कबाड़ को उलटिए पलटिये और उनकी तीन ढेरियाँ बनाइये – रिसाइकल, दान, और उपयोग. जिन वस्तुओं को आपने बहुत समय से इस्तेमाल नहीं किया है उन्हें उनकी कंडीशन के अनुसार या तो फेंक दीजिये, या किसी को दे दीजिये, या बेच दीजिये. इसी तरह अपनी मेज की दराज, आलमारी, गैरेज, और शेल्फ की सफाई कीजिये.

अपने मन को विस्तार दें: हम बहुत सारा समय अपने माहौल को व्यवस्थित करने में लगाते हैं लेकिन अपने उस स्पेस की अनदेखी करते हैं जिसमें हमारा सबसे ज्यादा समय बीतता है, और वह है हमारा मन. अपने मन को रीबूट करने के लिए उन नकारात्मक विश्वासों से छुटकारा पाइए जो आपको कमजोर बनाते हैं. अपने मन से उन बातों को बाहर निकालिए जो आपको आगे नहीं ले जातीं. हद से ज्यादा दूसरों की परवाह मत कीजिये, अहंकार वश लिए गए अनावश्यक संकल्पों को पूरा करने में मत जुटें.

घर-परिवार-संबंध:-

जुड़ाव और मेलमिलाप रखिये: हमारी ज्यादातर महत्वाकांक्षाओं के केंद्र में हम ही होते हंन लेकिन इनके लिए हमें अपने संबंधों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए. अपने परिवार और बच्चों के साथ बिताये गए लम्हे कभी व्यर्थ नहीं जाते. अपने माता-पिता से और अधिक जुड़ने का प्रयास कीजिये क्योंकि उन्हें हर बीतते दिन के साथ आपकी अधिक ज़रुरत होती है. किसी व्यक्ति से पुराना वैरभाव हो तो खुद आगे बढ़कर उसे दूर कीजिये. किसी कड़वी बात को भुलाने और किसी को माफ़ करने के लिए किसी मौके की तलाश नहीं कीजिए.

रोमांटिक बनिए: अपने कैरियर, नौकरी-बिजनेस, और स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर बनाए गए लक्ष्यों को पूरा करने की आपाधापी में ज़िंदगी से रोमांस पीछे छूट जाता है. इसे ज़िंदगी में वापस लाना आसान है. अपने प्रियजन के साथ वक़्त बिताइए, कहीं सैर पर जाइए. उनके लिए कोई उपहार खरीदिये. साथ बैठकर कॉफ़ी पीना और फिल्म देखना भी शुरुआत के लिए कुछ बुरा नहीं है.

रुपये-पैसे, खर्चे, कमाई:-

अपने बैंक अकाउंट का जायजा लें: छुट्टियों या त्यौहारों के दौरान खर्चे आसमान छूने लगते हैं. जब सभी उपहारों का आदान-प्रदान कर रहे हों तो खुद को काबू में रखना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में मॉल्स और दुकानों में बम्पर सेल और ऑफर भी बड़े लुभावने मिलते हैं. लेकिन ऐसे समय पर ही अपने खर्च पर ध्यान देने की ज़रुरत होती है. अपने ज़रूरी खर्चों के लिए बचत करना, फालतू के खर्चों को नियंत्रित करना, और आड़े वक़्त के लिए पैसे बचाकर रखना ही सबसे अच्छी नीति है.

अपने हुनर और काबिलियत को निखारें: पेन और पेपर लें. पेपर के बीच एक लाइन खींचकर दो कॉलम बनायें. पहले कॉलम में अपने पिछले तीस दिनों के सारे गैरज़रूरी खर्चे लिखें जैसे अनावश्यक कपड़ों, शौपिंग, जंक फ़ूड, सिनेमा, मौज-मजे में खर्च की गयी रकम. हर महीने चुकाए जाने वाले ज़रूरी बिलों की रकम इसमें शामिल न करें. अब दूसरे कॉलम में उन चीज़ों के बारे में लिखें जिन्हें आप पैसे की कमी के कारण कर नहीं पा रहे हैं. शायद आप किसी वर्कशौप या कोचिंग में जाना चाहते हों या आपको एक्सरसाइज बाइक खरीदनी हो. आप पहले कॉलम में किये गए खर्चों में कटौती करके दुसरे कॉलम में शामिल चीज़ों के लिए जगह बना सकते हैं.

फिटनेस:-

फिटनेस के लिए ज़रूरी लय बनाए रखें: आप कई तरह के फिटनेस प्रोग्राम और लक्ष्य तय कर सकते हैं. बदलते हुए वातावरण और तनावपूर्ण जीवन के कारण अब यह बहुत ज़रूरी हो गया है कि हम नियमित रूप से किसी शारीरिक गतिविधि में शामिल हों. इसके लिए यह ज़रूरी है कि हम फिटनेस के लिए की जाने वाली गतिविधियों जैसे सुबह की सैर, जॉगिंग, योग आदि की लय को बनाए रखें. यदि हम अनुशासित रहकर अपनी गतिविधि को नियमित रूप से करेंगे तो इसका लाभ हमें तो मिलेगा ही बल्कि हमारे करीबी भी अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए प्रेरित होंगे. इस लक्ष्य को हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम किसी ऐसे ग्रुप में शामिल हो जाएँ जो किसी निश्चित स्थान पर रोज़ एकत्र होता है.

बोनस टिप: हम कई अवसरों पर खुद को पीछे कर देते हैं क्योंकि हमें कुछ पता नहीं होता या हम यह नहीं जानते कि शुरुआत कहाँ से करें. ऐसे में “मैं नहीं जानता” कहने के बजाय “मैं यह जानकर रहूँगा” कहने की आदत डालें. यह टिप दिखने में आसान है पर बड़े करिश्मे कर सकती है. इसे अपनाकर आप बिजनेस में आगे रहने के लिए ज़रूरी आक्रामकता दिखा सकते हैं. आप योजनाबद्ध तरीके से अपनी किताबें छपवा सकते हैं. और यदि आप ठान ही लें तो पूरी दुनिया घूमने के लिए भी निकल सकते हैं. संकल्प लें कि आप जानकारी नहीं होने को अपनी प्रगति की राह का रोड़ा नहीं बनने देंगे.

आभासी दुनिया से बाहर निकलना: ईमेल, फेसबुक, ट्विटर, चैट, मोबाइल और शेयरिंग की दुनिया में यह बहुत संभव है कि आप वास्तविक दुनिया से दूर होते जाएँ. ये चीज़ें बुरी नहीं हैं लेकिन ये वास्तविक दुनिया में आमने-सामने घटित होनेवाले संपर्क का स्थान नहीं ले सकतीं. लोगों से मेलमिलाप रखने, उनके सुख-दुःख में शरीक होने से ज्यादा कनेक्टिंग और कुछ नहीं है. आप चाहे जिस विधि से लोगों से जुड़ना चाहें, आपका लक्ष्य होना चाहिए कि आप लम्बे समय के लिए जुड़ें. दोस्तों की संख्या नहीं बल्कि उनके साथ की कीमत होती है.

इस तरह आप ऊपर बताये गए सुझावों और तरीकों को अपने जीवन में अमल में लाकर अपनी ज़िंदगी को एक नए और खुशनुमा मोड़ पर लाने के लिए रीसेट कर सकते हैं. और मैं यह एक बार और कहूँगा – इसके लिए सबसे अच्छा दिन है ‘आज’, और सबसे अच्छा वक़्त है ‘अभी’.

(लियो बबौटा के लेख “How to Press the Reset Button On Your Life” का हिंदी अनुवाद)

Photo by Ryan Tauss on Unsplash

There are 17 comments

  1. सुज्ञ

    कमाल का रिबूट सिस्टम!! व्यक्तित्व पुनर्नियोजन के यथार्थ सुझाव!!!!
    एक कमाल ओर महसुस हुआ, यही सब आध्यात्मिक सुझाव होते है.किंतु उन उपदेशों पर चित नहीं लगता, और यह सहज बोध से लगते है.

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  2. dr. ratna verma

    जीवन बहुत अनमोल है, पर हम हैं कि उसे सही तरीके से जी नहीं पाते । जिंदगी को रीसेट करने का बहुत सहज और सरल तरीका आपने बताया है , बस ज़रूरत उसे जीवन में उतारने की है।

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