कई दशकों तक सभी यह मानते रहे कि कोई भी व्यक्ति 4 मिनट में 1 मील नहीं दौड़ सकता. लोगों ने कहा, “ऐसा हो ही नहीं सकता”! वैज्ञानिक और चिकित्सकों ने मानव शरीर की सीमाओं और क्षमताओं का आकलन करके यह बताया कि 4 मिनट में 1 मील दौड़ पाना संभव नहीं था. उनके अनुसार इसके लिए उपयुक्त गति तक पहुँचने से पहले ही शरीर धराशायी हो जाता. सभी ने यह मान लिया : 4 मिनट में 1 मील दौड़ना असंभव है.
लेकिन सबको इस बात पर यकीन नहीं था. 4 मिनट में 1500 मीटर (एक मील में 1600 मीटर होते हैं) दौड़ने का रिकार्ड तोड़ने के बाद रोजर बैनिस्टर को यह लगने लगा कि वह ऐसा कर सकता है. उसने अपने मन में यह ठान लिया कि वह 4 मिनट में 1 मील दौड़कर दिखाएगा. उसके आत्मविश्वास ने ही असंभव को संभव कर दिखाया. उसने यह रिकार्ड बनाने की दिशा में प्रयत्न करना शुरू कर दिया.
और 6 मई, 1954 के दिन यह संभव हो गया:
रोजर बैनिस्टर ने यह कर दिखाया. उसने 4 मिनट में 1 मील दौड़कर वह रिकार्ड बना दिया जिसे सब असंभव मानते थे. उसने दुनिया को बता दिया कि ऐसा भी हो सकता है. उसने अपनी दौड़ 3 मिनट और 59.4 सैकंड में पूरी की. इसके 6 हफ्ते बाद ही एक औस्ट्रेलियन जौन लैंड्री ने यह दौड़ 3 मिनट 58 सैकंड में पूरी की. 1957 की समाप्ति से पहले सोलह धावक 4 मिनट से कम में 1 मील दौड़ चुके थे. अब तो हजारों धावक 4 मिनट में 1 मील दौड़ चुके हैं. कुछ धावक तो हर दिन अभ्यास दौड़ में ऐसा कर लेते हैं. इस दौड़ का विश्व रिकॉर्ड मोरक्कन धावक हिचाम एल गेरोज़ के नाम है जिसने 7 जुलाई 1999 को 1 मील की दौड़ 3 मिनट 43.13 सेकंड में पूरी की. 1997 में कीनिया के डेनियल कोमेन ने 8 मिनट से कम में 2 मील की दौड़ पूरी की.
आपके जीवन का वह कौन सा लक्ष्य है जिसे सभी असंभव मानते हैं? लोग बहुत सी बातें करते होंगे और आपको बताते होंगे कि आप यह नहीं कर सकते या वह नहीं कर सकते. उनकी बातें सुनकर शायद आप भी वही मानने लगे होंगे. हो सकता है आपने जीवन में कभी कोई लक्ष्य बनाए हों जिन्हें आपने बीच रास्ते ही छोड़ दिया या उनकी राह में पहला कदम भी नहीं बढ़ाया. शायद आपने किसी ख़ास नौकरी की चाह की थी. आप कोई किताब लिखना चाहते थे. आपका लक्ष्य कोई सेल्स टार्गेट भी हो सकता है और किसी ख़ास हुनर में कामयाबी पाना भी. आपका ‘4 मिनट में 1 मील’ कोई ऐसी चीज़ हो सकती है जिसे बहुत से लोग पहले ही कर चुके हैं, लेकिन आप अभी भी इसे असंभव मानते हैं. आपको यह जान लेना है कि यह लक्ष्य असंभव नहीं है और आप यह कर सकते हैं. आप भी अपना ‘4 मिनट में 1 मील’ पूरा कर सकते हैं.
Lakshy ko nirdharit kar imandari se kiya gaya prayash safal hota hi hai
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जब होड़ समय से मची हो तो मानवीय क्षमतायें प्रस्फुटित होने लगती हैं।
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bahut bahut acha hai aur joshila bhi
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nice
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प्रेरक आलेख! सचमुच हमारी सीमा वहीं तक है जहाँ हम रुक जायें। मन के हारे हार है …
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लक्ष्य को पाया जा सकता है बशर्ते पाने की ललक और इक्षा शक्ति हो .बैठे ठाले कुछ भी नहीं
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