वर्तमान

“सदैव वर्तमान में उपस्थित रहने से आपका क्या तात्पर्य है?”, शिष्य ने गुरु से पूछा.

गुरु ने शिष्य को एक छोटी जलधारा के पार तक चलने के लिए कहा. जलधारा के बीच कुछ दूरी पर पड़े पत्थरों पर चलकर वे दूसरी ओर आ गए.

गुरु ने पूछा, “एक पत्थर पर पैर रखकर अगले पत्थर पर पैर रखना आसान था न?”

“हाँ”, शिष्य ने कहा, “क्या यही सीख है कि एक बार में एक पत्थर पर पैर धरना है?”

“नहीं, सीख यह है कि…”, गुरु ने कहा, “यदि तुम पत्थरों पर क्रमशः एक-एक करके पैर रखोगे तो पार जाना सरल हो जाएगा. लेकिन यदि तुम हर पत्थर को उठाकर आगे बढ़ना चाहोगे तो तुम डूब जाओगे”.

शिष्य जलधारा में जमे हुए विशाल पत्थरों को देखकर यह कल्पना करता रहा कि कोई उन्हें किस भांति ढोकर पार ले जा सकेगा. फिर उसने श्रद्धापूर्वक गुरु को नमन किया.

There are 9 comments

  1. Rahul Singh

    स्वस्थ जीवन जीने के लिए समय के प्रति उचित दृष्टिकोण या समय के साथ सही सम्बन्ध रखना जरूरी लगता है. उचित उदाहरण के साथ बात सीधी समझ आ रही है.

    ये विडियो भी देखिये – http://www.youtube.com/watch?v=qtLIxCDE-_E

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