आदत

एक आदमी बाड़ में कीलें ठोंक रहा था. एक औरत वहां से गुज़री और उसे काम करते देखकर बोली, “यह तुम क्या कर रहे हो? कीलों को उनकी नोक पर नहीं बल्कि चपटे सिरे पर चोट मारकर ठोंकते हैं. क्या तुमने पहले कभी कीलें नहीं ठोंकीं? क्या पी रखी है?”

“मैं यह पहले भी सैकड़ों बार कर चुका हूँ”, उस आदमी ने कहा, “मैं ऐसे ही काम करता हूँ”.

“लेकिन तुम्हारा तरीका तो सरासर गलत है. लाओ, मैं तुम्हें ठीक से यह करके दिखती हूँ”, औरत ने कहा.

“नहीं! मैं अपनी आदत नहीं बदलना चाहता”, आदमी बोला, “मुझे ऐसे ही काम करना पसंद है और मेरे लिए यही सही तरीका है”.

औरत ने देखा कि वह आदमी मजाक नहीं कर रहा था. वह चुपचाप वहां से चली गयी.

There are 16 comments

  1. vishvanaathjee

    अच्छी कहानी
    ऐसे लोग हर जगह पाए जाएंगे ।
    सुधार या बदलाव से हिचकते हैं ।
    यह मानने के लिए भी तैयार नहीं कि वे गलती कर रहे हैं

    शुभकामनाएं
    जी विश्वनाथ

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  2. राहुल सिंह

    ”वह चुपचाप वहां से चली गयी. औरत ने देखा कि वह आदमी मजाक नहीं कर रहा था. एक औरत वहां से गुज़री, एक आदमी बाड़ में कीलें ठोंक रहा था”.
    लगता है अब कुछ बात बन रही है.

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  3. Diamond Vikas Garg

    agar aadat achchi hai to future bright hai.
    magar aadat achchi nahi hai to future bright nahi hai.

    Agar aap wo kaam karte hai jo aapko achcha lagta hai to aapko wo nahi milega jo aap chahte hai !
    lekin aap wo kaam karte hai jo aapko achcha nahi lagta hai to aapko wo milega jo aap chahte hai !

    Moral :-

    NEED (jarurat) Becomes HABBIT (Aadat) Becomes HOBBY(chahat)

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