एक ज़ेन शिष्य ने गुरु से पूछा, “क्या आप मुझे जीवन में सदैव काम आनेवाली सलाह देंगे?”
गुरु ने कहा, “अवश्य, हर परिस्थिति के अनुरूप स्वयं में परिवर्तन लाते रहो.”
शिष्य ने कहा, “हम्म… क्या आप मुझे कुछ सरल सलाह दे सकते हैं?”
गुरु ने कहा, “ठीक है. कभी भी मत बदलो. जैसे हो, वैसे ही बने रहो.”
शिष्य ने कहा, “क्या ये दोनों बातें विरोधाभासी नहीं हैं? – हमेशा बदलते रहो और कभी न बदलो!”
गुरु ने कहा, “हमेशा परिवर्तन के प्रवाह में बने रहो”.
Thanx to John Weeren for this story
क्या बात है! 🙂
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एकदम गुरु-ज्ञान वाली बात.
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परिवर्तन के प्रवाह के साथ इंसान को चलना ही पङता ह। नही तो परिवर्तन के प्रवाह की लहरो मे मिट जाता ह
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great message !!
Its always in your good to mold as per the situation !!
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बहुत सही….
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good.,
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जाहि बिधि राखे राम, ताही बिधि रहिये!
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