नियंत्रण

 

Initiation

एक व्यापारी ने ज़ेन गुरु से पूछा, “आप कैसे कह सकते हैं कि हमारे जीवन में नियंत्रण का अभाव है? यह मैं ही निश्चित करता हूँ कि मुझे नींद से कब जागना है, अन्य कोई व्यक्ति मुझे यह करने के लिए नहीं कहता.”

गुरु ने कहा, “यदि मैं तुम्हें प्रतिदिन एक निश्चित रकम दूं जिसे तुम जैसे चाहे खर्च कर सको तो वास्तविक नियंत्रण किसके हाथ में होगा?”

व्यापारी ने कहा, “यदि आप मुझे रकम देंगे तो नियंत्रण आपके हाथ में ही होगा. आप यह क्यों पूछ रहे हैं?”

गुरु ने कहा, “जीवन ने ही तुम्हें हाथ-पैर, आँख, कान, ह्रदयगति, और विचार शक्ति दिया है. तुम किसके नियंत्रण में हो?”

There are 9 comments

  1. देवेन्द्र पाण्डेय

    जब तक जीवन है नियंत्रण का अभाव बना रहेगा। जो कहते हैं कि उन्होने अपने इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया है, मेरी समझ से झूठ बोलते हैं।

    पसंद करें

टिप्पणी देने के लिए समुचित विकल्प चुनें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.