धोखा

This is Secret

बहुत पुरानी बात है. एक शख्स अपनी खूबसूरत औरत से बहुत प्यार करता था पर वह औरत किसी और को चाहती थी. पुराना ज़माना था, कोई किसी को तलाक देकर अलग नहीं हो सकता था. इसलिए उस औरत ने अपने पति से मुक़म्मल तौर से छुटकारा पाने के लिए एक तरकीब बनाई.

उसने अपने प्रेमी के मार्फ़त कब्रिस्तान से एक औरत की लाश का इंतजाम किया. फिर उसने अपने घर में एक हादसे की शक्ल बनाई और उस औरत की लाश को बुरी तरह से बिगाड़ कर अन्दर रख दिया.

जब उसका पति घर आया, तो वह यह देखकर बहुत रोया कि उसकी प्यारी ‘पत्नी’ किसी हादसे में मारी गयी है. उसने लाश को अपनी पत्नी जानकर सुपुर्द-ए-खाक़ किया. वह इतना ग़मज़दा था कि अपनी ‘पत्नी’ की राख हमेशा अपने साथ रखने लगा.

उस औरत की तरकीब काम कर गयी थी. वह अपने प्रेमी के साथ कहीं दूरदराज़ जाकर रहने लगी. कुछ अरसे के भीतर ही उनमें बड़े मनमुटाव हो गए और वे एक-दूसरे से दूर होते गए.

औरत को कहीं से पता चला कि उसका पति ‘उसकी राख’ को अभी भी दिल से लगाकर रखता है. उसके दिल में अपने पति के लिए प्यार जाग गया. एक दिन वह अपने प्रेमी को छोड़कर अपने पति के पास चल दी.

उसने अपने पति को उसके शहर में सड़क से गुज़रता देखा तो इस उम्मीद में उसका नाम लेकर पुकारा कि वह उसे जिंदा जानकर बहुत खुश हो जाएगा.

“तुम कौन हो?”, उसके पति ने कहा, “मैं तुम्हें नहीं जानता”.

यह सुनकर औरत का कलेजा धक्क रह गया. वह बोली, “मैं तुम्हारी बीवी…मैं जिंदा हूँ!”

“मेरी बीवी तो मर चुकी है. ये उसकी राख है जिसे मैं तभी से अपने दिल से लगाए घूम रहा हूँ. यह बात सब जानते हैं”, पति ने कहा.

खूबसूरत औरत के दुःख की हद न थी. यह कैसे हो सकता है कि जो शख्स उसकी ‘राख’ को अपने दिल से लगाए घूम रहा था, वही उसे सामने पाने पर पहचान भी नहीं पा रहा है!? उसने जो कुछ भी कहा, उसके पति को उसपर यकीन नहीं हुआ.

उसके लिए उसकी बीवी मर चुकी थी और उसके झूठ के साथ उसका प्यार भी मर गया था.

There are 22 comments

  1. Bharat Bhushan

    इससे एक और बात भी पुष्ट होती है कि झूठ को छाती से लगाए फिरने की आदत मनुष्यों में है. कहानी और भी जो कहा गया है वह मन को छूने वाला है. बहुत बढ़िया.

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  2. G Vishwanath

    पढकर एक पुरानी बात याद आ गई।
    एक दोस्त ने दफ्तर से छुट्टी के लिए अपनी दादी की मृत्यु का बहाना बनाया।
    ईत्तेफाक से उसी शाम उसकी दादी चल बसी।

    जी विश्वनाथ

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  3. Smart Indian - स्मार्ट इंडियन

    प्यार तो जीवित ही रहा उस शख्स की मौत तक। पर जिससे प्यार किया था वह तो राख हो चुकी थी और वह दूसरी बार वैसा प्यार किसी से नहीं कर सकता था – हमशक़्ल से भी नहीं।

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  4. Manoj Sharma

    समय : मेरे बताये रस्ते पर चलता है , मेरी दिखाई चीज ही देखता है , :- , जी हाँ इंसान कुछ ऐसा ही सोचता है मगर उस पिता के अनन्त रूपों में से ही समय भी उसी का एक रूप है यह इंसान अक्सर भूल जाता है , बहुत अच्छी कहानी , निशांत भाई की जुबानी ,

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  5. hsonline

    प्यार और धोखेबाजी, एक के बिना दूसरे का अस्तित्व नहीं| यह उन पर भी सत्य है जो जीवन भर एक दूसरे के साथ रहते हैं और जिनके बीच कोई तीसरा और चौथा नहीं| धोखा करके भी तो प्रेम हासिल किया जाता है और निभाया जाता है रिश्ता भी! मुझे इस कहानी की औरत से सहानुभूति है|

    -हितेन्द्र

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  6. rajeshwari

    निशांतजी, ये कहानी पढ़कर कुछ समय पहले, शायद ३-४ साल पहले, बिलकुल ऐसी ही एक सच्ची घटना, जो उस समय न्यूज़ चैनलों और newspaperon में देखी/ पढ़ी थी, याद आ गयी. उप में एक इंजिनियर साहब ने बहुत ही सुंदर कोठी बनवाई थी, बेहद अच्छा woodwork भी कराया लेकिन बदकिस्मती से, उनकी पत्नी ना जाने किन पलों में कमज़ोर होकर उस woodwork करने वाले को पसंद कर बैठी और केवल यही नहीं, बल्कि पड़ोस में रहनेवाली एक स्त्री को अपने घर में बुलाकर उसे जला भी डाला ताकि लोग उसे मृत समझें. दुखद पहलू यह भी है की उसकी तो एक बच्ची भी थी. बाद में भेद खुल गया लेकिन इंसानियत तो शर्मशार हो ही गयी.

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