इस पोस्ट में ज़िंदगी के लिए ज़रूरी सबक दिए गए हैं. इस तरह की पोस्टें हिंदीज़ेन पर पहले भी आ चुकी हैं पर हर पोस्ट में कुछ-न-कुछ अलग तो होता ही है. वैसे भी, अच्छी बातें जितनी ज्यादा पढ़ने को मिलें उतना ही बेहतर. यदि उनपर अमल नहीं कर पायें तो मन पे कोई बोझ न रहे – बस एक हौसला और एक उम्मीद बनी रहे कि देरसबेर हमें नकारात्मकता से निकलना ही है ताकि हम भी कुछ बेहतर कर सकें, बेहतर बन सकें. ये हैं ज़िंदगी जीने के लिए ज़रूरी पंद्रह सबक:
- तुम्हारे बारे में लोग कुछ भी कहते रहें, उससे तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए. लोगों का क्या है, वे तुम्हारे सामने या फिर पीठे पीछे कुछ-न-कुछ कहते ही रहेंगे.
- यदि तुम लोगों से सहृदयता से पेश आओगे तो वे तुम्हें अच्छाई से ज़रूर नवाजेंगे. यह बात 99% लोगों पर ठीक बैठती है.
- कभी-कभी तुम्हारी सलाह और सुझाव सकारात्मक और प्रोत्साहक होने के बाद भी लोग तुम्हें सुनने के लिए तैयार नहीं होंगे. तुम्हें इस स्थिति को स्वीकार करना है और सामनेवाले के प्रतिरोध को दिल से नहीं लगाना है.
- तुम्हारे सामने यह विकल्प है कि तुम किसी भी बात को सकारात्मक लो या नकारात्मक लो. तुम अपने इस अधिकार का सदैव उपयोग करो ताकि तुम्हारा जीवन खुशहाल रहे.
- ऐसे लोग हमेशा मौजूद रहेंगे जो तुम्हें पीछे धकेलना चाहेंगे. ऐसा उनकी असुरक्षा की भावना के कारण है. वे यह नहीं चाहते कि वे ठहरे हुए पानी की तरह गंदला जाएँ और दूसरे लोग आगे निकल जाएँ.
- आज, इस वक़्त, यही तुम्हारी ज़िंदगी है. तुम इसका जितना फायदा उठा सकते हो उठा लो. तुम अपने आसपास मौजूद लोगों का दिन खुशगवार बना सकते हो और ठान लो तो लाखों-करोड़ों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश भी कर सकते हो.
- तुम अपनी राह के कंटकों और अवरोधों को नए नज़रिए से देखो. वे तुम्हारे लिए रुकने का संकेत नहीं हैं बल्कि तुम्हें यह बताते है कि तुम किसी चीज़ को कितनी शिद्दत से पाना चाहते हो.
- तुम सदैव वह काम करो जिसे तुम करते आये हो, भले ही तुम्हें एक-जैसे परिणाम मिलें. यह कॉमन सेन्स है पर बहुत से लोग एक ही गति पर चलकर अलग-अलग मंजिल पर पहुँचने की उम्मीद करते हैं. ऐसे लोग बहुत कम लेकिन बहुत प्रसिद्द हैं और वे इसे पागलपन कहते हैं.
- किसी से ईर्ष्या करने पर किसी और को नहीं वरन तुम्हें ही सबसे ज्यादा नुकसान होगा. अपने समय और ऊर्जा को किसी बेहतर काम में लगाओ.
- यदि तुम्हें यात्रा में आनंद नहीं आ रहा है तो शायद तुम गलत लेन में चल रहे हो. पिछले चौराहे तक जाने में झिझको नहीं और दोबारा कोशिश करो. गलत राह पर दूर तक बढ़ते चले जाने से बेहतर यही है.
- अपने अहंकार को कहीं आड़े नहीं आने दो. जिन चीजों को तुम पसंद करो उन्हें लपक लो और जिन लोगों से प्रेम करो उन्हें यह जताओ. अवसर चूकने के लिए यह जीवन बहुत छोटा है. यदि लोग इस बात के लिए तुम्हारे आलोचना करें तो… यह उनकी समस्या है, तुम्हारी नहीं.
- पुरानी कहावत है कि जिससे तुम पिंड छुडाना चाहते हो वही तुम्हारे गले पड़ता है. अतीत और भविष्य के सारे पछतावों से छुटकारा पाने के लिए यह ज़रूरी है कि तुम किसी से भी एक सीमा से अधिक न बंधो और स्वयं को शनैः-शनैः मुक्त करते जाओ. हर किसी को सब कुछ नहीं मिलता.
- तुम्हारे जीवन में जो कुछ भी घटित होता हो उसपर पैनी निगाह रखो. अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को सीमायें नहीं लांघने दो. तुम्हारी जागरूकता ही बदलते वक़्त उतार-चढ़ाव के साथ तुम्हें संयत रख सकेगी.
- तुम्हारी समस्या जैसी भी हो, यह बहुत संभव है कि दूसरों के जीवन में भी वैसी ही समस्या आई हो और उन्होंने इसका कोई हल निकाल लिया हो. अपने मन को दिलासा दो कि तुम अकेले नहीं हो और तुम्हारी दिक्कतों का भी कोई-न-कोई हल कहीं ज़रूर होगा.
- हर उस बात पर सवाल उठाओ जो तुम कहीं भी पढ़ते या सुनते हो, यहाँ तक कि इन पंद्रह बिन्दुओं पर भी. महत्वपूर्ण विचारों को हम बहुधा इस लिए नहीं समझ पाते क्योंकि हम उनमें छुपे हुए सत्य को देख ही नहीं पाते हैं.
Photo by Tim Marshall on Unsplash
निशांत जी नमस्कार . बहुत ही अच्छा पोस्ट है . इस पोस्ट के लिए धन्यवाद
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jo kaam tum khushi se bina kisi kratrimta ke kar sakte ho to saare formule poore ho jayenge !
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रोचक ढंग से कही गई उपयोगी बातें.
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ये तो बड़ी अच्छी बातें हैं। वाकई!
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जीवन में कई बार पिछले चौराहों तक जाना पड़ा है।
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बड़ी काम की बातें हैं। बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं आप इस ब्लॉग के माध्यम से।
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Life truths, while necessary, are sometimes bitter pills to swallow. 🙂 Great post. I plan to print it and put it on my wall of inspiration at home. Thanks for the pointer to http://www.pluginid.com/ – I enjoyed browsing it. (I would write all this in Hindi, but my spellings are terrible :-))
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bahut kaam kee baateM hain furasat milate hee pichali posts padhati hoon.
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Apke 15 sabak vastav me prabhavi avam atm vibhor karne wale tarkik saty he aam vyakti k liye behad marg darshak abhinav prayas he kotish badhai .
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Very nice and excellent thought 4 the acheivement of success in life.
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उत्तम..आभार!
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The interesting thing is that moment we get engaged in affairs of life , the basic instincts trap us again.
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Bahut accha
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निशांत जी ,
अप तो ब्लागजगत के स्वेट मार्टन बन गए हैं …
और इसलिए बीच बीच में आना अब अनिवार्यता बन गयी है –
एक अच्छी हार्मोनल खुराक मिल जाती है है यहाँ !
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रोचक ढंग से कही गई अच्छी बातें हैं।आभार
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इन पंद्रह बिन्दुओं में जीवन के सुख का सार छिपा है…इन्हें गाँठ से बाँध रख लिया जाय तो बस जीत गए समझो…
कोटि कोटि आभार……
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हर पंक्ति अनुकरणीय ……
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यह वो बाते हे जो जिवन मे उतर जाये तो आदमी इश्वर बन जाये
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बेहतर पोस्ट, अच्छी प्रस्तुति. बधाई!
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हमेशा की तरह सकारात्मकता से सज्जित आपका पोस्ट. बधाई हो!
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acchi baatien
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