परोपकार

catकभी एक आदमी बहुतेरी मुसीबतों से घिरा हुआ था. उसने एक दिन शुद्ध मन से यह प्रतिज्ञा करी कि यदि उसे मुसीबतों से निजात मिल जायेगी तो वह अपना घर बेचकर सारा पैसा गरीबों में बाँट देगा.

देर-सबेर उस आदमी की मुसीबतें टल गईं और उसे अपनी प्रतिज्ञा का स्मरण हो आया. अच्छे दिन लौट आने के बाद अब उसका दिल इस बात की इज़ाज़त नहीं दे रहा था कि वह अपनी सारी दौलत दान में दे दे. कुछ सोचने के बाद उसे एक उपाय सूझ गया.

उसने घर के सामने इश्तिहार लगा दिया. उसमें लिखा था कि घर की कीमत सिर्फ पांच मोहरें थी. लेकिन घर के साथ एक बिल्ली को खरीदना ज़रूरी था जिसकी कीमत उसने दस हज़ार अशर्फियाँ रखी थी.

एक मालदार शख्स ने घर और बिल्ली दोनों को खरीद लिया. आदमी ने पांच मोहरें गरीबों में बाँट दीं और दस हज़ार अशर्फियों से नया घर खरीद लिया.

(इदरीस शाह की कहानी)

There are 17 comments

  1. G Vishwanath

    यह तो Oversmart आदमी है।
    भले यह round उसका हुआ और वह जीत गया, तक़दीर भी कम smart नहीं है।
    क्षण में भागय बदल सकता है और बदलेगा अवश्य।

    This man observed his vow in letter and not in spirit.
    अब इस वाक्य को हिन्दी में कैसे लिखें?
    इस आदमी नें अपनी प्रतिज्ञा विधिपूर्वक पूरी की पर निष्ठापूर्वक नहीं।
    क्या यह अनुवाद सही हैं? इसका सुधार हो सके तो कृपया बता दीजिए।
    शुभकामनाएं
    जी विश्वनाथ

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  2. Rajiv

    जब तक आप अपना भला नहीं करेंगे, दूसरों का भी भला नहीं कर सकते| मुझे लगा वो आदमी मुकर जाएगा, पर twist अच्छा था :)बेहद सुन्दर पोस्ट|
    राजीव 🙂
    http://rrajiv.wordpress.com

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  3. Gopal Mishra

    hi,

    I want to keep the background black only…as it makes the pictures look very attractive and clear…also when u last suggested the change, i had whitest of white only as text….but as you know it put sm strain on eyes,,,but i think the current scheme has no such strain…what do u say???

    I f you leave apart the anesthetics do u still have some problem reading text???

    If u can give ur gmail id we may chat!!!! mine is mailgopalmishra@gmail.com

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