यक़ीन

donkeyएक किसान खेत से अपने घर लौट रहा था. उसने रास्ते में एक गधा देखा.

गधे ने किसान से कहा – “सुनो भाई, मैं कोई साधारण गधा नहीं हूँ. ईसा मसीह का जन्म मेरे सामने ही हुआ था. मैं दो हज़ार सालों से इस दुनिया में हूँ और सिर्फ मैं ही इस बात की गवाही दे सकता हूँ.”

विस्मित और भयभीत, किसान सरपट दौड़कर अपने गाँव के चैपल तक गया और वहां पादरी को सारा किस्सा कह सुनाया.

“असंभव!” – पादरी ने हँसते हुए कहा. तब किसान ने उसे दोबारा से पूरी बाद बताई. गधे के कहे एक-एक शब्द को किसान ने दोहराया.

“मैंने कहा न यह नामुमकिन है! कोई भी पशु मनुष्यों की तरह नहीं बोल सकता” – पादरी ने कहा.

“लेकिन आप सिर्फ एक बार मेरे साथ चलकर उसकी बात सुन लीजिये” – किसान अपनी बात पर अड़ा रहा.

पादरी ने कहा – “भाई मुझे तो तुम ही पूरे गधे लग रहे हो जो एक पढ़े-लिखे पादरी की बात को छोड़कर एक गधे पर यकीन कर रहे हो!”

There are 12 comments

  1. krishna kumar

    परेशानी तो यही से शुरू होती है जो पड़ा लिखा या उचे पद पर बैठा है वह यह मानने को तैयार ही नही होता की मेरे ग्यान से बडकर भी कुछ हो सकता है

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  2. rafat alam

    ढाई आखर पढे और मनन कर सके वह पंडित बाकि कितना भी ज्ञान प्राप्त करले यदि बुद्धि दर्प में डूबी हो तो सब बेकार .पशु की बोली भी सरलता से समझी जा सकती है बशर्त मन सरल हो और दया प्रेम से भरा हो कसी हो तो क्या समझे.

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