गंभीर साधक

laughing monk

चीन में एक युवा साधक रहता था. वह धम्म के पथ पर बहुत गंभीरता से अग्रसर था.

एक बार इस युवा साधक के सामने कोई ऐसा विषय आ गया जो उसे समझ में नहीं आया. वह अपने गुरु के पास समस्या लेकर पहुंचा. गुरु ने जब साधक का प्रश्न सुना तो वह बहुत ज़ोरों से हंसने लगे और हँसते-हँसते ही उठकर चले गए.

युवा साधक अपने गुरु की ऐसी प्रतिक्रिया से बहुत विचलित हो गया. वह तीन दिनों तक खा-पी न सका और उसकी नींद भी उड़ गयी. तीन दिनों के बाद वह गुरु के पास गया और अपनी दशा का वर्णन किया.

गुरु उसकी बातें सुनकर बोले – “पुत्र, तुम जानते हो तुम्हारी समस्या क्या है? तुम्हारी समस्या यह है कि तुम एक विदूषक से भी गए-बीते हो!”

युवा साधक को यह सुनकर बहुत बड़ा आघात पहुंचा. वह अश्रुपूरित नेत्रों से बोला – “आदरणीय, आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? मैं किसी विदूषक से भी गया-बीता कैसे हो सकता हूँ?”

गुरु ने कहा – “कोई विदूषक जब लोगों को प्रसन्न और हँसते हुए देखता है तो उसे ख़ुशी मिलती है. और तुम? तुम तो किसी दुसरे व्यक्ति को हँसते देखकर विषादग्रस्त ही हो गए? अब बताओ, क्या सच में ही तुम विदूषक से भी गए-गुज़रे नहीं हो?”

यह सुनकर साधक को भी हंसी आ गयी. उसके मन का भार हल्का हो गया.

There are 7 comments

  1. G Vishwanath

    बहुत अच्छा लगा!

    अजीब बात है।
    किसी को हँसी बुरा लग सकता है?
    हाँ।
    कॉलेज में एक शिक्षक की याद आ रही है।

    एक गंभीर विषय पर लेक्चर करते समय, उन्होंने देखा कि एक विद्यार्थी किसी दूसरे की तरफ़ देख कर मुस्कुरा रहा था।
    शिक्षक की अहं को चोट पहुंची। उसने सोचा यह लोग मुझ पर हंस रहे हैं। दोनों को क्लास के बाहर निकलने को कहा।

    लडके हताश हुए। बात कुछ और ही थी। दोनों अच्छे दोस्त थे और उनमे से एक कुछ दिनों के लिए क्लास नहीं आया था और आज कई दिनों बाद पहली बार सुबह सुबह अपने दोस्त को क्लास में देखकर मुस्कुराया था। यह सिर्फ़ खामोश रहते रहते “Hi” कहने का उसका अंदाज़ था जो शिक्षक समझ न सका और कुछ और ही समझ लिया।

    पसंद करें

टिप्पणी देने के लिए समुचित विकल्प चुनें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.