पांच मिनट

Weird and lost...

रेगिस्तान में एक आदमी के पास यमदूत आया लेकिन आदमी उसे पहचान नहीं सका और उसने उसे पानी पिलाया.

“मैं मृत्युलोक से तुम्हारे प्राण लेने आया हूँ” – यमदूत ने कहा – “लेकिन तुम अच्छे आदमी लगते हो इसलिए मैं तुम्हें पांच मिनट के लिए नियति की पुस्तक दे सकता हूँ. इतने समय में तुम जो कुछ बदलना चाहो, बदल सकते हो”.

यमदूत ने उसे नियति की पुस्तक दे दी. पुस्तक के पन्ने पलटते हुए आदमी को उसमें अपने पड़ोसियों के जीवन की झलकियाँ दिखीं. उनका खुशहाल जीवन देखकर वह ईर्ष्या और क्रोध से भर गया.

“ये लोग इतने अच्छे जीवन के हक़दार नहीं हैं” – उसने कहा, और कलम लेकर उनके भावी जीवन में भरपूर बिगाड़ कर दिया.

अंत में वह अपने जीवन के पन्नों तक भी पहुंचा. उसे अपनी मौत अगले ही पल आती दिखी. इससे पहले कि वह अपने जीवन में कोई फेरबदल कर पाता, मौत ने उसे अपने आगोश में ले लिया.

अपने जीवन के पन्नों तक पहुँचते-पहुँचते उसे मिले पांच मिनट पूरे हो चुके थे.

(पाउलो कोएलो के ब्लौग से – from the blog of Paulo Coelho)

There are 12 comments

  1. rafat alam

    निशांत जी ,वाह वाह पाउलो कोएलो को सलाम .देखा, आदमी दूसरों के प्रति अपनी सोच के कारण कितना मूर्ख साबित हो सकता है .दरअसल क्रोध और इर्ष्या सच मुच बड़े मानव दुश्मन है काश माफ़ी का महत्व भी इंसान सीख ले .शुक्रिया

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  2. G Vishwanath

    आज पहली बार यहाँ आय था।
    अब तो आते रहेंगे।

    आप बहुत की रच्नात्मक काम कर रहे हैं।
    विश्व के अन्य भाषाओं में छ्पे अनमोल रत्नों को आप यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।
    लगे रहिए निशान्त भाई।
    शुभकामनाएं
    जी विश्वनाथ

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  3. रंजना

    अतिप्रेरक कथा…

    सचमुच हम अपने जीवन को संवारने सुखी करने के समय का उपयोग दूसरों के सुख से इर्ष्य कर केवल और केवल दुःख ही अर्जित करते रह जाते हैं..

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