परंपरा : मुल्ला नसरुद्दीन

Isfahan Mullah Jacob's Synagogue


कई लोगों की भीड़ में मुल्ला नसरुद्दीन नमाज़ अदा करने के दौरान आगे झुका. उस दिन उसने कुछ ऊंचा कुरता पहना हुआ था. आगे झुकने पर उसका कुरता ऊपर चढ़ गया और उसकी कमर का निचला हिस्सा झलकने लगा.

मुल्ला के पीछे बैठे आदमी को यह देखकर अच्छा नहीं लगा इसलिए उसने मुल्ला के कुरते को थोड़ा नीचे खींच दिया.

मुल्ला ने फ़ौरन अपने आगे बैठे आदमी का कुरता नीचे खींच दिया.

आगेवाले आदमी ने पलटकर मुल्ला से हैरत से पूछा – “ये क्या करते हो मुल्ला?”

“मुझसे नहीं, पीछेवालों से पूछो” – मुल्ला ने कहा – “शुरुआत वहां से हुई है”.

There are 15 comments

  1. aradhana

    मेरे पिताजी अक्सर मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानियाँ सुनाया करते थे. सबसे मजेदार लगती थी, कड़ाही के बच्चे की कहानी. सच में कितनी आसानी से मुल्ला मजाक ही मज़ाक में बड़ी बातें बता जाते थे.

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