कहीं किसी शहर में एक छोटा लड़का रहता था. उसके पिता एक अस्तबल में काम करते थे. लड़का रोजाना देखता था कि उसके पिता दिन-रात घोड़ों की सेवा में खटते रहते हैं जबकि घोड़ों के रैंच का मालिक आलीशान तरीके से ज़िंदगी बिताता है और खूब मान-सम्मान पाता है. यह सब देखकर लड़के ने यह सपना देखना शुरू कर दिया कि एक दिन उसका भी एक बहुत बड़ा रैंच होगा जिसमें सैंकड़ों बेहतरीन घोड़े पाले और प्रशिक्षित किये जायेंगे.
एक दिन लड़के के स्कूल में सभी विद्यार्थियों से यह निबंध लिखने के लिए कहा गया कि ‘वे बड़े होकर क्या बनना और करना चाहते हैं’. लड़के ने रात में जागकर बड़ी मेहनत करके खूब लंबा निबंध लिखा जिसमें उसने बताया कि वह बड़ा होकर घोड़ों के रैंच का मालिक बनेगा. उसने अपने सपने को पूरे विस्तार से लिखा और 200 एकड़ के रैंच की एक तस्वीर भी खींची जिसमें उसने सभी इमारतों, अस्तबलों, और रेसिंग ट्रैक की तस्वीर बनाई. उसने अपने लिए एक बहुत बड़े घर का खाका भी खींचा जिसे वह अपने रैंच में बनाना चाहता था.
लड़के ने उस निबंध में अपना दिल खोलकर रख दिया और अगले दिन शिक्षक को वह निबंध थमा दिया. तीन दिन बाद सभी विद्यार्थियों को अपनी कापियां वापस मिल गयीं. लड़के के निबंध का परिणाम बड़े से लाल शब्द से ‘फेल’ लिखा हुआ था. लड़का अपनी कॉपी लेकर शिक्षक से मिलने गया. उसने पूछा – “आपने मुझे फेल क्यो किया?” – शिक्षक ने कहा – “तुम्हारा सपना मनगढ़ंत है और इसके साकार होने की कोई संभावना नहीं है. घोड़ों के रैंच का मालिक बनने के लिए बहुत पैसों की जरुरत होती है. तुम्हारे पिता तो खुद एक साईस हैं और तुम लोगों के पास कुछ भी नहीं है. बेहतर होता यदि तुम कोई छोटा-मोटा काम करने के बारे में लिखते. मैं तुम्हें एक मौका और दे सकता हूँ. तुम इस निबंध को दोबारा लिख दो और कोई वास्तविक लक्ष्य बना लो तो मैं तुम्हारे ग्रेड पर दोबारा विचार कर सकता हूँ”.
वह लड़का घर चला गया और पूरी रात वह यह सब सोचकर सो न सका. बहुत विचार करने के बाद उसने शिक्षक को वही निबंध ज्यों-का-त्यों दे दिया और कहा – “आप अपने ‘फेल’ को कायम रखें और मैं अपने सपने को कायम रखूंगा”.
बीस साल बाद शिक्षक को एक घुड़दौड़ का एक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला देखने का अवसर मिला. दौड़ ख़त्म हुई तो एक वयक्ति ने आकर शिक्षक को आदरपूर्वक अपना परिचय दिया. घुड़दौड़ की दुनिया में एक बड़ा नाम बनचुका यह वयक्ति वही छोटा लड़का था जिसने अपना सपना पूरा कर लिया था.
कहते हैं यह एक सच्ची कहानी है. होगी. न भी हो तो क्या! असल बात तो यह है कि हमें किसी को अपना सपना चुराने नहीं देना है और न ही किसी के सपने की अवहेलना करनी है. हमेशा अपने दिल की सुनना है, कहनेवाले कुछ भी कहते रहें. खुली आंखों से जो सपने देखा करते हैं उनके सपने पूरे होते हैं.
(A motivational/inspirational story on seeing dreams and making them real – in Hindi)
अच्छी बोधकथा
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खुली आँखों से सपने देखने वालों के सपने पुरे होते हैं अवश्य ही ….सच कहा …
प्रेरक कथा के लिए बहुत आभार …!!
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बहुत सुंदर और प्रेरक कथा।
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बहुत सुन्दर प्रेरणादायक कहानी है धन्यवाद्
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गुलामों के मालिक हो जाने के स्वाभाविक सपनों, और पूरा हो जाने के इक्का-दुक्का अपवादों से दुनिया की मौजूदा तस्वीर नहीं बदलती।
फिर भी शायद आज की पीड़ा तो कम होती ही है।
इसीलिए ये भी कायम हैं। और एक बेहतर दुनिया का सपना भी।
सपने सच होंगे।
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पता नहीं, निशान्त मैं इस उम्र में कुछ स्वप्न के लेख लिखना चाहता हूं; पर मेरे अन्दर ही एक शिक्षक है, जो लिखने से पहले ही फेल प्रोनाउन्स करता है!
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Mujhe ye kahani behad pasand ayi…karan ki me sapne bohot dekhti hu…din raat…log kehte ha sapno ki duniya me jeeti hu par mujhe apne sapno par yakeen ha…kuch nhi toh kam se kam ye ek maksad toh de hi dete ha….
kahani bohot acchi lagi
shukriya…
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सच है सपने देखने चाहिये। लेकिन सपने देखने के अलावा कुछ और भी चाहिये। उन्हें सच करने का जस्बा और मेहनत।
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असल बात तो यह है कि हमें किसी को अपना सपना चुराने नहीं देना है और न ही किसी के सपने की अवहेलना करनी है. हमेशा अपने दिल की सुनना है, कहनेवाले कुछ भी कहते रहें. खुली आंखों से जो सपने देखा करते हैं उनके सपने पूरे होते हैं.
EKDAM SAHI……
IS SUNDAR PRERNAPRAD KATHA KE LIYE AAPKA BAHUT BAHUT AABHAR….
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Nishant g , bahoot bahoot sukirya aapki vajah se kuch behatrin kathaye aur kahaniya milti hai padne ko aur mai apni feelings batu to mughe inko pad ke apnke pujniya swarvashi dada ji yaad aate hai, jinhe mai humse taumar miss karta rahunga .
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It is great, dreams have realised
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Is tarah ke sapne 10% hi sach hote hain . baki 90% tut jate hain . kyoki duniya me 10% log hi mehnat karna jante hain . baki 90% aalsi log hain
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बहुत बढ़िया निशांत भाई। पढ़कर इतना अच्छा लगा कि उसे लिख पाना कम से कम मेरे लिए तो संभव नहीं है।
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agar man main lagan ho aur nischay pakka ho to koi bhi sapna haqikat ban sakta hai. kyonki sapno ko pura karna hamare hath main hai na ki kisi pritkriya vyakt karne vale ke.isliye constraite your dream and charm like moon.
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आपके इस ब्लाँग ने मुझ मे एक नई ऊर्जा का संचार किया है ।
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asal bat to ye he ki badesapne dako, bade admi banoge………..
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sapne unhi k pure hote hai jo apne majil k siva aur kuch nhi chahte.
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bahut sahi
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जिसका ईरादा पक्का है उसके लिए कुछ भी असंभव नही है;
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Dr. kalam says if u want success; see dreams and give the your best for your dreams.
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बहुत सुन्दर एंव मनभावन कहानी..
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Yah ek bahut hi prerak kahani hai. Lekin yah kahani unihn ko prerit kar pati hain jo wastav me khuli aankho w hrdya se sapne dekhte hain w unko sakar karne ki himmat juta pate hain. Jab himmat juta kar aage badhte hain to isi raah me unke sapno ko sakar karne hetu anya sadhan w sors bhi uplabdh ho jate hain. Jinka istemal kar we apne sapne sakar kar lete hain.
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very good stori
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